मेरठ। केंद्रीय पंचायत राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि अतीत में की गई पूर्वजों की गलती की सजा हम भुगत रहे हैं। 1947 में अगर पूर्ण विभाजन होता तो यह समस्या सामने नहीं आती। उन्होंने देशहित में जनसंख्या कानून लागू करने की मांग उठाई और इसके लिए आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया।

जनसंख्या समाधान फाउंडेशन का तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन रविवार को बागपत रोड स्थित मिलेनियम पब्लिक स्कूल में शुरू हुआ। मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने एकसुर से देश में जनसंख्या कानून लागू करने की जरूरत बताई और इसके लिए आंदोलन जारी रखने की बात कही। उन्होंने कहा कि जनसंख्या विस्फोट की समस्या के मूल में हमारे कुछ पूर्वज भी जिम्मेदार है। 1947 में पूर्वजों ने पूर्ण विभाजन ना करके गलती की। अगर पूर्ण विभाजन हुआ होता तो देश की यह स्थिति नहीं होती। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू पर तुष्टिकरण के आरोप लगाते हुए कहा कि उनके तुष्टिकरण की वजह से ही भारत में आज भी आक्रांताओं की निशानियां मौजूद हैं। विभाजन के समय ही नेहरू को चाहिए था कि देश में आक्रांताओं की सारी निशानियों को मिटा दें, लेकिन तुष्टिकरण की राजनीति के लिए नेहरू ने अयोध्या, काशी, मथुरा को ही विवादित नहीं रखा, बल्कि अकबर, औरंगजेब के नाम पर सड़कें भी बनवा दी। मीडिया की ओर इशारा करते हुए कहा कि मैं आज यहां चटपटी बातें नहीं करने आया हूं। चटपटी बातें बाहर करूंगा।

गौरतलब है कि जनसंख्या नियंत्रण की मांग को लेकर जनसंख्या समाधान फाउंडेशन कई वर्षों से आंदोलन कर रहा है। इसे केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का समर्थन मिलता रहा है। फाउंडेशन के राष्ट्रीय अधिवेशन में 23 राज्यों के प्रतिनिधि तीन दिन तक जनसंख्या नियंत्रण की नीति पर आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेंगे। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में समान जनसंख्या कानून लागू होना चाहिए, जो हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई पर समान रूप से लागू हो।

फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा कि जनसंख्या कानून को लेकर अब आंदोलन तेज किया जाएगा। अधिवेशन में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रविंद्र गुर्जर, उप्र अध्यक्ष गजेंद्र नीलकंठ, नवीन प्रधान, रमनकांत, धीरेंद्र त्यागी, कपिल त्यागी आदि उपस्थित रहे।

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