News Samvad : आरक्षण विरोधी प्रदर्शन और हिंसक झड़पों के बीच बांग्लादेश में तख्तापलट हो गया। PM शेख हसीना को इस्तीफा देने के बाद देश तक छोड़कर जाना पड़ा। शेख हसीना के इस्तीफे के बाद बांग्लादेश के आर्मी चीफ जनरल वाकर-उज-जमान ने अंतरिम सरकार बनाने की बात मीडिया से कही थी। वहीं, आज नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को चीफ एडवाइजर बनाए जाने की मांग उठने लगी है। इस बात का ऐलान आज प्रदर्शनकारी छात्रों ने वीडियो जारी कर किया है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है।

कौन हैं मोहम्मद यूनुस?

मोहम्मद यूनुस, शेख हसीना के सबसे बड़ा आलोचकों में से एक हैं। उनका जन्म 28 जून 1940 में हुआ। वह बांग्लादेश के एक सामाजिक उद्यमी, एक बैंकर, एक अर्थशास्त्री और सामाजित नेता हैं। गरीबी उन्मूलन के विशेष प्रयासों के लिए 2006 में यूनुस को नोबेल शांति पुरस्कार मिला था। गरीबी उन्मूलन की दिशा में अहम योगदान के लिए यूनुस को इस पुरस्कार से नवाजा गया था। यूनुस ने 1983 में ग्रामीण बैंक की स्थापना की थी जो गरीब लोगों को छोटे कर्ज मुहैया कराता है। बांग्लादेश को अपने ग्रामीण बैंक के माध्यम से माइक्रोक्रेडिट के लिए दुनियाभर में सराहना हासिल हुई थी। इसके कारण बांग्लादेश में बड़ी संख्या में लोग जीवनस्तर के ऊपर उठाने में सफल हए थे।

कई अवॉर्ड्स से नवाजे गए

साल 2009 में उन्हें यूनाइटेड स्टेट्स प्रेसिडेंशियल मेडल ऑफ फ्रीडम से सम्मानित किया गया था। 2010 में उन्हें कांग्रेसनल गोल्ड मेडल दिया गया। इसके साथ ही उन्हें कई और भी अवॉर्ड मिल चुके हैं।

इन पदों पर रह चुके

2011 में उन्होंने सास्किया ब्रुइस्टेन, सोफी ईसेनमैन और हंस रीट्ज के साथ मिलकर यूनुस सोशल बिजनेस – ग्लोबल इनिशिएटिव्स की सह-स्थापना की। साल 2012 में उन्हें स्कॉटलैंड के ग्लासगो कैलेडोनियन विश्वविद्यालय का चांसलर बनाया गया। 2018 तक वह इस पद पर रहे। 1998 से 2021 तक उन्होंने संयुक्त राष्ट्र फाउंडेशन के निदेशक मंडल के सदस्य के तौर पर भी काम किया।

ग्रामीण बैंक की स्थापना की

1961 से 1965 तक उन्होंने बांग्लादेश के चटगांव विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र की पढ़ाई की।उन्होंने वेंडरबिल्ट विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी की डिग्री हासिल की। बांग्लादेश में उन्होंने ग्रामीण बैंक की स्थापना की और माइक्रो ऋण कार्यक्रम भी शुरू किया था। साल 18 फरवरी 2007 को मोहम्मद यूनुस ने नागरिक शक्ति नाम से एक राजनीतिक पार्टी बनाई थी। मोहम्मद यूनुस को इस साल श्रम कानून के उल्लंघन के आरोप में बांग्लादेश की एक कोर्ट ने छह महीने की सजा भी सुनाई थी। हालांकि बाद में मार्च में उन्हें जमानत दे दी गई थी।

यह हैं आरोप

नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस को 23 लाख डॉलर गबन करने के मामले में भी जेल की सजा सुनाई जा चुकी है। बता दें, ग्रामीण टेलीकॉम के पास बांग्लादेश के सबसे बड़े मोबाइल फोन ऑपरेटर ग्रामीणफोन में 34.2 फीसदी हिस्सेदारी है। ग्रामीणफोन नॉर्वे की टेलीकॉम दिग्गज टेलीनॉर की सहायक कंपनी है। इसके अलावा, इन आरोपों में 250 मिलियन से अधिक का गबन और मनी लॉन्ड्रिंग शामिल है।

इसे भी पढ़ें : इस्तीफे के बाद PM को छोड़ना पड़ा देश, कहां गईं… जानें

Show comments
Share.
Exit mobile version