नई दिल्ली। लॉकडाउन के दूसरे फेज में सरकार के सामने कोरोना को रोकने के साथ-साथ बेजान हुई अर्थव्यवस्था को चलाने का भी जिम्मा है। ऐसे में इसबार सरकार कृषि के साथ-साथ कारखानों और माल के ट्रांसपोर्ट को छूट दे सकती है। बंदिशें खासकर ऐसे इलाकों में रहेंगे जहां कोरोना के के ज्यादा हैं, मतलब हॉस्पॉट इलाकों में।

21 दिन के लॉकडाउन की वजह से दुनिया के साथ-साथ देश को भी काफी नुकसान हुआ है। अब सरकार इसकी पूर्ति करना चाहेगी। मुख्यमंत्रियों ने भी मीटिंग में पीएम मोदी से इसका जिक्र किया था। बताया था कि राजस्व में पिछले महीने 50 से 75 प्रतिशत तक का घाटा हुआ है।

लॉकडाउन 2.0 में भी किसानों को छूट जारी रहेगी। इस लॉकडाउन में सरकार यह पक्का करेगी कि फसल की उपज और खरीद में किसी तरह की दिक्कत न हो। यहां तक रेड और ऑरेंज जोन में भी सब्जियां घर तक पहुंचाने का प्रबंध होगा। सीधा मतलब है कि सब्जियों की कमी नहीं होगी। मछली उद्योग को भी छूट मिलेगी।

​अर्थव्यवस्था और कामगारों की स्थिति सुधारने के लिए सरकार छोटे और मध्यम उद्योगों को खोल सकती है। इसमें मोदी को सुझावा गया है कि फैक्ट्री में मजदूर अंदर रहकर काम करें और सोशल डिस्टेंसिंग के साथ वहीं रहें, घर न जाएं। इन कारखानों में काम करनेवाले ज्यादातर लोग कैंप्स में रह रहे हैं। इन्हें स्पेशल ट्रेन और बस की मदद से फैक्ट्री तक पहुंचाया जा सकता है। फिलहाल ऐसे कारखानों की पहचान हो रही, पूरा अप्रैल ऐसे ही काम करवाया जाएगा।

टेक्सटाइल, ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रिक सामान बनानेवाली कंपनी। हाउसिंग और कंस्ट्रक्शन सेक्टर। सड़क की रेहड़ी पटरी। मोबाइल, इलेक्ट्रिक रिपेटर की दुकान। धोभी, मोची, प्रेस वाला आदि को काम करने की इजाजत होगी।

इन शहरों को छूट मिलना मुश्किल

मेट्रो शहरों को बढ़े लॉकडाउन में छूट मिलना मुश्किल है। दरअसल दिल्ली, मुंबई, इंदौर, गुड़गांव, भोपाल, हैदराबाद, अहमदाबाद, जयपुर, बेंगलुरु में कोरोना के केस लगातार सामने आ रहे हैं। इसलिए यहां कोई नई छूट मिलना मुश्किल है।

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