कोरोना महामारी से अब तक दुनियाभर में 1,14,248 लोगों की मौत हो गई है। 18 लाख से ज्‍यादा लोग संक्रमित हैं। कोरोना वायरस का अभी कोई इलाज नहीं खोजा जा सका है। लेकिन, इसके लिए तैयारियां जोरों पर हैं। दूसरी महामारियों की तुलना में कोरोना को हराने का प्रयास तेज है। इस हफ्ते कई कंपनियों ने वैक्सीन के लिए अपने प्लान भी बताए। आइए जानते हैं कि कुछ ऐसी पहल के बारे में जिस पर दुनिया की उम्‍मीदें टिकी हुई हैं….

अमेरिकी दवा टेस्‍ट के लिए तैयार

यूएस की बड़ी दवा कपंनी Pfizer ने वैक्सीन बनाने वाली बॉयोनटेक कंपनी को 185 मिलियन का भुगतान किया है जिससे वो mrna वैक्सीन बना सके। अनुमान है कि इस वैक्सीन का इंसानों पर परीक्षण अप्रैल में ही शुरू हो जाए। दरअसल, mrna वैक्सीन प्लेटफार्म का इस्तेमाल संक्रामक बीमारियों के इलाज के लिए ज्यादा होता है क्योंकि पारंपरिक वैक्सीन की तुलना में इसे ज्यादा सुरक्षित और कम बजट में तैयार किया जाता है। curevac और moderna नाम की दो और कंपनियां भी इसी तरह की mrna वैक्सीन बनाने की दिशा में काम कर रही हैं।

एंटी वायरल दवा को मिली शुरुआती सफलता

Pfizer कंपनी ने यह भी बताया कि कोरोना वायरस के खात्मे के लिए बनाए जा रहे एंटी वायरल को क्लीनिक के शुरुआती परीक्षण में सफलता भी मिली है। वहीं, JV कंपनी के पास ये क्षमता है कि वह लाखों वैक्सीन की सप्लाई इस साल के अंत तक कर सकेगी। अगर इस वैक्सीन को मंजूरी मिल गई तो फिर इन कंपनियों का दावा है कि वे 2021 के अंत तक कई करोड़ वैक्सीन की खुराक का उत्पादन कर देंगी।

स्पेन में एक दवा से कई मरीज ठीक

कोरोना वायरस महामारी से बेहाल स्‍पेन की कंपनी Sesderma कंपनी ने अपने एक बयान में बताया कि उसकी विटामिन सप्लीमेंट दवाओं ने स्पेन में 75 प्रतिशत मरीजों का सफल इलाज किया। साथ ही 300 और मरीजों पर इसका ट्रायल मैड्रिड और वेलनसिया में चल रहा है। इस कंपनी ने बताया कि उसने आईसीएमआर को भी ये सलाह दी है कि वे 30-40 मरीजों पर इस दवा का परीक्षण करें।

ऑस्ट्रेलिया ने पहचानी 6 दवा

प्रतिष्ठित नेचर मैग्जीन में छपी एक स्टडी में ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने बताया कि उन्होंने 10 हजार कंपाउंड से 6 दवाओं को पहचाना है जो कोरोना वायरस संक्रमितों के इलाज में कारगर हो सकती हैं। वैज्ञानिकों ने इन दवाओं की क्षमता को लेकर क्लीनिकल परीक्षण भी किया है। ऑस्‍ट्रेलिया भी इन दिनों से कोरोना के कहर से जूझ रहा है।

भारत में प्लाज्मा थेरेपी, 40 वैक्‍सीन पर काम

भारतीय मेडिकल रिसर्च काउंसिल (आईसीएमआर) इस दिशा में प्रयास कर रही है कि क्या कोरोना को हराने वाले मरीज का प्लाज्मा संक्रमित व्यक्तियों के इलाज के लिए कारगर हो सकता है। आइडिया ये है कि ठीक हुए व्यक्ति ने एक एंटीबॉडी बनाई होगी जो ढाल के रूप में दूसरों के लिए भी काम कर सकता है। यही नहीं आईसीएमआर के मुताबिक कोरोना से जंग के लिए 40 से अधिक वैक्‍सीन के विकास पर काम चल रहा है। उन्‍होंने कहा कि अभी कोई भी वैक्‍सीन परीक्षण के अगले चरण में नहीं पहुंची है।

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