लखनऊः पहले फैसले के तहत सरकार के नव-निर्वाचित सभी मंत्रियों को 100 दिन के भीतर अपने विभाग की समीक्षा करनी होगी।
दोबारा मुख्यमंत्री बनने के बाद सीएम योगी पूरे फार्म में हैं और वो ताबड़तोड़ फैसले ले रहे हैं।
सीएम योगी दिखा रहे हैं कि अब यूपी में उनकी ही चलने वाली है। आज उन्होंने तीन अहम फैसले लिए। इनके जरिए उन्होंने अपने तमाम मंत्रियों पर नकेल कस दी। इनमें सबसे अहम मंत्रियों के दौरों पर निगरानी के साथ उनकी खर्च को सीमित करने का फैसला है।
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पहला फैसला
• इस फैसले के तहत सरकार के नव-निर्वाचित सभी मंत्रियों को 100 दिन के भीतर अपने विभाग की समीक्षा करनी होगी।
• इसके आधार पर काम की योजना तैयार कर मास्टर प्लान बनाना होगा।
• योगी की कोशिश है कि मंत्री केवल नुमाइशी चीज बनकर न रहें।
• वो अपने महकमों की स्टडी करके जनहित में क्या योजनाएं लागू हो सकती हैं, इसका ब्योरा सीएम को दें।
दूसरा फैसला
• दूसरे फैसले के तहत योगी मंत्रिमंडल का कोई भी मंत्री अगर यूपी से बाहर जा रहा है तो उसकी जानकारी उसे सरकार और पार्टी दोनों को देनी होगी।
• बिना बताए मंत्री बाहर नही जा सकेंगे।
• सरकारी धन के दुरुपयोग और किसी भी तरह की कॉन्ट्रोवर्सी से बचने के लिए यह निर्देश दिया गया है।
तीसरा फैसला
• तीसरे फैसले के तहत सीएम योगी ने फिजूलखर्ची को रोकने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए है।
• योगी ने निर्देश दिए है कि नए बन रहे बंगलों में सजावट पर फिजूलखर्च न किया जाए।
• जिन मंत्रियों के पास पहले से ही आवास है, उन्हें नए बदलाव की जरूरत नहीं है। मंत्रियों के लिए नई गाड़ियां नही खरीदी जाएंगी।
• वो पहले से मौजूद गाड़ियों से काम चलाएंगे।
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सूत्रों का कहना है कि अफशरशाही को लेकर भी सीएम योगी इस बार गंभीर है।
हालांकि अभी बड़े पैमाने पर अधिकारियों का तबादला होना है। माना जा रहा है कि अधिकारियों को लेकर भी सीएम निर्देश जारी कर सकते है। इस दिशा में एक घोषणा वो कर भी चुके हैं।
इसमें मंत्रियों को पुराने स्टाफ रखने की छूट नहीं मिली। यानि मनमाफिक अफसर अब नहीं मिलेंगे।
गौरतलब है कि सीएम बनने के बाद योगी का सबसे पहला फैसला फ्री राशन की मियाद को तीन महीने बढ़ाना था। खास बात है कि उनकी घोषणा के बाद केंद्र को भी ये फैसला लेना पड़ गया। उनके कुछ घंटों बाद केंद्र ने ऐसा ऐलान करना पड़ा। फिलहाल योगी ने मंत्रियों और अफसरों पर नकेल कसने का मन बना लिया है।