हजारीबाग। जिले की पूर्व सिविल सर्जन सह प्रसिद्ध महिला रोग विशेषज्ञ चिकित्सक व वंदना नर्सिंग होम, शिवपुरी की संचालिका डॉ आरएस वंदना के पति जाने – माने कृषि वैज्ञानिक डॉ प्रमोद कुमार सिन्हा अब हमारे बीच नहीं रहे। पिछले करीब 36 दिनों से वे बीमार थे और रांची अवस्थित मेडिका हॉस्पिटल में उनका इलाज़ चल रहा था। गुरुवार की रात्रि करीब 1:30 बजे उनका आकस्मिक निधन हो गया।

डॉ प्रमोद कुमार सिन्हा हजारीबाग के मासीपीढ़ी स्थित आईसीएआर, दिल्ली की अधीनस्थ संस्था केंद्रीय चावल अनुसंधान सेंटर से सेवानिवृत्त हुए थे। उन्होंने अपने जीवन में धान की कई उन्नत किस्मों की खोज करके देश के किसानों को ना सिर्फ़ बड़ा सौगात दिया था बल्कि किसानों को बड़ा फ़ायदा भी पहुंचाया था। उनकी पत्नी के अलावे दो पुत्र और एक पुत्री भी बतौर चिकित्सक समाज को अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। उनके बड़े पुत्र डॉ अभिषेक कुमार शहर के जाने माने सर्जन हैं और फ़िलहाल दुमका मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सेवारत हैं।

डॉ अभिषेक कुमार की धर्मपत्नी डॉ स्नेहलता महिला रोग विशेषज्ञ चिकित्सक हैं और फ़िलहाल हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सेवारत हैं। इनके छोटे पुत्र डॉ अनुव्रत हांगकांग में बतौर ऑर्थोपेडिक सर्जन प्रसिद्ध हैं। दोनों पुत्रों से बड़ी इनकी एकलौती पुत्री डॉ दीप्ति सिन्हा हैं जिनका शादी भागलपुर के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ बिजय कृष्ण सिंह से हुई है। सेवानिवृत्त होने के बाद डॉ प्रमोद कुमार सिन्हा अपने परिवार और दोनों पौत्र को पूरा समय देते थे।

उनके निधन से उनके छोटे पुत्र पुत्र डॉ अनुव्रत हांगकांग से और पुत्री डॉ दीप्ति सिन्हा भागलपुर से उनका कुशलक्षेम जानने उनके बीच पहुंच गए थे। डॉ प्रमोद कुमार सिन्हा मूलतः बिहार के बड़हिया के निवासी थे लेकिन उनकी पढ़ाई-लिखाई भागलपुर में हुई और फिर बाद में हजारीबाग के शिवपुरी में बस गए। सदर विधायक मनीष जायसवाल ने डॉ प्रमोद कुमार सिन्हा के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति और शोकाकुल परिजनों को दुख की इस विकट घड़ी में अदम्य साहस प्रदान करने की कामना की। विधायक श्री जायसवाल ने कहा कि डॉ सिन्हा का संपूर्ण जीवन कृषि संबंधी अनुसंधान में व्यतीत हुआ। उनका निधन समाज विशेषकर कृषि जगत और कृषकों के लिए अपूरणीय क्षति है ।

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