लखनऊ। नाथ संप्रदाय की सर्वोच्च पीठ गोरखनाथ मंदिर के प्रवेश द्वार पर तैनात सुरक्षाकर्मियों पर हुए हमले को लेकर अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि आरोपित के पास से जो साक्ष्य मिले हैं उससे आतंकी साजिश से इनकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए यूपी एटीएस और एसटीएफ को सयुंक्त जांच सौंपी गयी है।

प्रशांत कुमार ने सोमवार को राज्य गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी की मौजूदगी में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि रविवार देर शाम को मंदिर के मुख्य द्वार पर सुरक्षा में तैनात सिपाही गोपाल गौड़ और अनिल पासवान पर एक युवक ने धारदार हथियार से हमला किया था। इस दौरान उसने धार्मिक नारेबाजी भी की, लेकिन समय रहते हुए सिपाहियों ने उसे पकड़ लिया। अभियुक्त की पहचान सिविल लाइंस निवासी अहमद मुर्तजा अब्बासी के रूप में हुई है। उसने मुंबई के आईआईटी से केमिकल इंजीनियरिंग किया हुआ है। उसके पास से जो लैपटॉप, मोबाइल और दस्तावेज मिले हैं उससे आतंकी घटना से इनकार नहीं किया जा सकता है। एटीएस पूरे मामले की जांच कर रही है। जैसे-जैसे जानकारी मिलेगी वो मीडिया से साझा किया जाएगा। जांच एजेंसी की भी मदद ली जाएगी।

अवस्थी ने बताया कि गोरखपुर की घटना को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद गंभीर हैं। उनके निर्देश पर ही पूरे मामले की जांच एटीएस और एसटीएफ की सयुंक्त टीम कर रही है। उन्होंने कहा कि बड़ी घटना को विफल करने वाले सिपाहियों को मुख्यमंत्री पांच लाख रुपये के पुरस्कृत से पुरस्कृत करेंगे। शासन की ओर से उन्हें यह इनाम राशि दी जाएगी। साथ ही साथ आरोपित के पास से मिले लैपटॉप एवं मोबाइल से अहम जानकारी मिली हैं। इसकी गहनता से जांच की जाएगी। आरोपित कहां-कहां गया, किन-किन लोगों से मिला है, उन लोगों के बारे में भी पता लगाया जाएगा। उसके सम्पर्क के लोग अगर प्रदेश के बाहर भी होंगे तो उनका भी खुलासा किया जाएगा। आरोपित के खिलाफ गोरखपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।

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