नई दिल्ली। गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने खतरनाक साजिश के तहत भारतीय जवानों पर हमला बोल दिया था। हालांकि, चीन सैनिकों की तरफ से अचानक हुए इस हमले में पहले भारत जवानों को बड़ी क्षति पहुंची, मगर उसके बाद जिस तरह से बिहार रेजीमेंट के जवानों ने मोर्चा संभाला, चीनी सैनिकों की हालत खराब कर दी।

हिंसक हमले में अपने कमांडिंग ऑफिसर कर्नल बी. संतोष बाबू के शहीद होने के बाद बिहार रेजीमेंट के जवानों का रौद्र रूप देखकर चीनी सैनिक हक्के बक्के रह गए। भारतीय सैनिकों ने एक-एक कर 18 चीनी सैनिकों की गर्दन तोड़ दी। एक सैन्य अधिकारी ने बताया कि कम से कम 18 चीनी सैनिकों का गर्दन की हड्डी टूट चुकी थी और सर झूल रहा था। कुछ के चेहरे इतनी बुरी तरह से कुचल दिये गये थे कि उन्हें पहचान पाना संभव नहीं था।

दरअसल, उस रात बिहार रेजीमेंट के जवानों ने बहादुरी की कहानी दुनिया के लिए एक मिसाल बन गयी है। उस रात चीनी सैनिकों की संख्या भारतीय सेना की तुलना में 5 गुना अधिक थी। लेकिन फिर भी हमारे बहादुर जवानों ने चीनी सेना को ऐसा सबक सिखाया कि अब वह शांति से बातचीत को सुलझाने की बात कर रहा है।

द एशियन एज अखबार ने सैन्य सूत्रों के हवाले से बिहार रेजीमेंट की जवानों की शौर्यगाथा के बारे में बताया है। इस लड़ाई में बिहार रेजीमेंट के जवानों ने अपने भीतर की क्षमताओं का प्रयोग किया। भारत के जवानों को ऑर्डर मिले थे कि वह गलवान में बनाए गए चीनी सैनिकों द्वारा टेंट को हटाने की पुष्टि करें। इसी को देखते हुए कर्नल बी संतोष बाबू जवानों के साथ घटना स्‍थल पर पहुंचे। उन्‍होंने देखा कि चीनी सेना ने वहां से टेंट को नहीं हटाया तो उन्‍होंने इसका विरोध किया। इसी बीच बड़ी तादाद में वहां पर मौजूद चीनी सैनिक ने उनपर हमला कर दिया। जिसके बाद भारतीय सैनिकों ने भी मोर्चा संभालते हुए उनको जवाब देना शुरू किया।

भारतीय सेना का घातक दस्ता पहुंचा मौके पर

हिंसक झड़प में कमांडिंग ऑफिसर कर्नल बी. संतोष बाबू शहीद हो गए तो बिहार रेजीमेंट के सैनिकों के धैर्य का बांध टूट गया। चीनी सैनिकों की तादाद बहुत ज्‍यादा थी, जिसके बाद भारतीय फौज ने पास की टुकड़ी को इस बारे में जानकारी दी और मदद मांगी। सूचना मिलने के तुरंत बाद ही भारतीय सेना का ‘घातक’ दस्ता मदद के लिए वहां पहुंचा। बिहार रेजीमेंट और घातक दस्ते के सैनिकों की कुल तादाद सिर्फ 60 थी, जबकि दूसरी तरफ दुश्मनों की तादाद काफी ज्यादा थी।

चीनी सैनिकों के हथियार छीनकर उन्हीं पर हमला किया

ये लड़ाई लगभग चार घंटे तक चलती रही। चीनियों के पास तलवार और रॉड थे, जिनको छीनकर भारतीय सैनिकों ने उन पर हमला करना शुरू कर दिया। बिहार रेजीमेंट के जवानों का यह रौद्र रूप देखकर सैकड़ों की तादाद में मौजूद चीनी भागने लगे और घाटियों में जा छिपे, जिसके बाद भारतीय जवानों ने उनका पीछा करते हुए उन्‍हें पकड़-पकड़ कर मारा। इस दौरान भारतीय सैनिक चीन के अधिकार क्षेत्र में पहुंच गए थे। जिन्हें बाद में चीन ने वापस भेजा।

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