Telangana : झारखंड के रहने वाले संदीप साहू की बहन संदीपा पिछले 13 दिनों से अपने भाई की सलामती की दुआ कर रही हैं। संदीप और 7 अन्य श्रमिक तेलंगाना के नागरकुर्नूल में बन रही श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) टनल में फंसे हुए हैं। यह हादसा 22 फरवरी को हुआ, जब सुरंग की छत का एक हिस्सा अचानक ढह गया।

हादसे के समय टनल में लगभग 50 श्रमिक काम कर रहे थे, जिनमें से 42 बाहर निकलने में सफल रहे, जबकि 8 श्रमिक, जिनमें एक इंजीनियर भी शामिल है, फंस गए। उन्हें बचाने के लिए NDRF और रैटमाइनर्स की टीमें जुटी हुई हैं।

रेस्क्यू ऑपरेशन में सबसे बड़ी चुनौती टनल में बढ़ते सिल्ट (गाद) और पानी का स्तर है। तेलंगाना सरकार के अनुसार, फंसे हुए श्रमिकों के बचने की संभावना केवल 1% है।

SLBC टनल प्रोजेक्ट का इतिहास काफी पुराना है, जिसकी शुरुआत 1978 में हुई थी। यह प्रोजेक्ट कृष्णा नदी के पानी को पहाड़ी जिलों की ओर मोड़ने के लिए बनाया जा रहा है, ताकि वहां पीने के पानी की समस्या का समाधान हो सके।

हालांकि, टनल निर्माण में कई बार देरी हुई है, और हाल के वर्षों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी के कारण यह खतरनाक साबित हुआ है। टनल के ऊपरी स्लैब से हर मिनट 5 से 8 हजार लीटर पानी गिर रहा है, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो गई है।

विशेषज्ञों का कहना है कि टनल में पानी की तेज रफ्तार और मलबे के कारण श्रमिकों की जान को खतरा है। रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाने के लिए नई जगह खुदाई की जा रही है, लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है।

सोशल एक्टिविस्ट नैनाला गोवर्धन ने सरकार पर आरोप लगाया है कि श्रमिकों को कम वेतन पर जोखिम भरे काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाए और श्रमिकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

इस घटना ने श्रमिकों की सुरक्षा और उनके अधिकारों पर गंभीर सवाल उठाए हैं, और सरकार को इस मामले में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।

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