नई दिल्ली/रांची। जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने जनजातियों को  कोरोना वायरस से बचाने और  अर्थव्यवस्था में वृद्धि बहाल करने की प्रक्रिया के हिस्से के रूप में कार्यान्वयन के लिए विभिन्न उपाय किये हैं । जनजातीय मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा ने पिछले दिनों 15 राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर लघु वनोपज(एमएफपी) की खरीद के लिए संबंधित राज्य नोडल एजेंसियों को न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी पर करने के लिए जागरूक करने को कहा है। इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश कर्नाटक, महाराष्ट्र, असम आंध्र प्रदेश केरल मणिपुर नागालैंड, पश्चिम बंगाल राजस्थान, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और झारखंड शामिल हैं।  मंत्रालय द्वारा इस रोडमैप को तैयार करने और कॉविड.19 महामारी के बाद अर्थव्यवस्था में वृद्धि बहाल करने के लिए इनमें से प्रत्येक पहल के कार्यान्वयन के लिए आवश्यक उपाय करने के लिए अधिकारियों की तीन टीमों का गठन किया गया है।

25 मई तक सभी आवासीय विद्यालयों को बंद करने का निर्देश 

जनजातीय मामलों के मंत्रालय ने  25 मई तक सभी आवासीय विद्यालयों को बंद करने का निर्देश  दिया है। एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के बारे में मंत्रालय ने निर्देश दिया है कि पूर्ण लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए  राज्यों को निर्देश दिया गया कि वे स्कूलों में सभी तरह गतिविधियों में पूरी तरह से कटौती करें। बोर्ड परीक्षाओं में बैठने वाले और विशेष कक्षाओं में भाग लेने वाले छात्रों को परिसर में उचित देखभाल के साथ बनाए रखा जा सकता है । बोर्ड परीक्षाओं में बैठने वाले ऐसे छात्रों को संबंधित पेपर पूरे होने के तुरंत बाद घर भेजा जाए। विशेष अभियान के लिए अकादमिक ब्लॉकए छात्रावास और अन्य आम क्षेत्रों सहित स्कूल परिसर को साफ करने के लिए प्रोत्साहित किया जाय । इस बात पर जोर दिया गया है कि स्थानीय अधिकारियों के निर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाना है। छुट्टियों के लिए नियोजित सामान्य गतिविधियों को अवकाश अवधि के दौरान किया जाना सुनिश्चित करने के लिए परिसर को नए शैक्षणिक सत्र के शुरू होने की तैयारी में रखा गया है । कक्षा 6ए कक्षा 9 वीं और ग्यारहवीं में एडमिशन की तैयारी इस अवकाश की अवधि में पूरी करने का निर्देश दिया गया है।

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