गिरीडीह| तीन माह के हिरण के बच्चे को लोमड़ी का शिकार होने से गिरिडीह के डुमरी वन विभाग के पदाधिकारी बचाने में सफल रहे। हिरण के इस तीन माह के बच्चे को हजारीबाग के नेशनल पार्क में भेजने की प्रकिया पूरी की जा रही है। हालांकि डुमरी के रेंजर राजीव रंजन ने यह भी कहा कि अगर जंगल में हिरण के माता-पिता कहीं मिलते है तो बच्चे को वापस जंगल में भेज दिया जाएगा। लिहाजा, वन विभाग के कर्मियों को डुमरी के तूईयो जंगल में उसके माता-पिता की तलाश में भेजा गया है।
कैसे हुआ हिरण का बच्चा अपने परिवार से दूर
जानकारी के अनुसार हिरण के बच्चे को सुरक्षित करने में इलाके के ग्रामीणों ने महत्पूर्ण भूमिका निभायी। रेंजर के अनुसार अपने तीन माह के बच्चे को लेकर हिरण के माता-पिता तूईयो जंगल से बाहर निकले हुए थे और इसी दौरान अचानक एक खूंखार लोमड़ी वहां पहुंची, तो लोमड़ी के भय से बच्चे के माता-पिता उसे वहीं छोड़कर जंगल में भाग खड़े हुए। जबकि हिरण का तीन माह का बच्चा वहीं फंस गया।
इसके बाद ग्रामीणों की नजर हिरण के बच्चे पर पड़ी। तो ग्रामीणों की भीड़ ने किसी प्रकार लोमड़ी को वहां से भगाकर हिरण के बच्चे को सुरक्षित अपने पास रख लिया और घटना की जानकारी डुमरी वन प्रक्षेत्र के रेंजर को दिया। इसके बाद रेंजर ने ग्रामीणों से हिरण के बच्चे को लेकर उसे अपने पास सुरक्षित रखा हुया है|