लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय के इंजनीनियरिंग व प्रौद्योगिकी संकाय में आभासी प्रयोगशाला की शुरूआत हुई। इस पर आयोजित कार्यशाला का उद्घाटन लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आलोक कुमार राय ने किया। प्रो. राय ने वर्चुअल लैब्स के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि तकनीक बांटती नहीं जोड़ती है। यह वर्चुअल लैब वर्क शॉप इस अंतर को पाटने में योगदान देगी।

उन्होंने पिछले दो वर्षों में लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा किए गए तकनीकी विकास का उल्लेख किया, इनमें हमारा एलएमएसस्लेट और मोबाइल ऐप शामिल है। उन्होंने उल्लेख किया कि एक प्रभावी आभासी प्रयोग शाला विशेष रूप से सूक्ष्म और अमूर्त अवधारणाओं में वैचारिक समझ को बढ़ावा दे सकती है। वर्चुअल लैब का लाभ फ्लेक्सिबल एक्सेस, इंस्टेंट फीड बैक, बेहतरीन उपकरण और कमलागत जैसे महत्त्वपूर्ण अभिलक्षण है।

शुरुआत में प्रो. आर.एस. गुप्ता, फैकल्टी इंचार्ज, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय, ने अतिथियों का स्वागत किया। इसके बाद प्रतीक शर्मा, जो वर्चुअल लैब आईआईटी दिल्ली की आउट रीच टीम के सदस्य हैं, ने मेहमानों को आईआईटी दिल्ली में सुविधा और इस कार्यशाला के महत्व के बारे में बताया। लखनऊ विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग के प्रोफेसर अनिल मिश्रा, जो वर्चुअल लैब्स, आईआईटी दिल्ली के साथ परियोजना के नोडल समन्वयक भी हैं, ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।

उद्घाटन सत्र के तुरंत बाद तकनीकी सत्र शुरू हुए। पहले सत्र में कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग और मैकेनिकल इंजीनियरिंग शाखाओं के 180 छात्रों ने भाग लिया, जबकि दूसरे सत्र में कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग और मैकेनिकल इंजीनियरिंग शाखाओं के 190 छात्रों ने भाग लिया। वर्चुअल लैब्स आईआईटी दिल्ली की आउटरीच टीम जिसमें प्रतीक शर्मा (सीनियर फील्ड इंजीनियर) और शुभम दलाल (फील्ड इंजीनियर) शामिल थे, ने दिखाया कि कैसे छात्र पोर्टल पर उपलब्ध विभिन्न प्रयोगों को लॉगिन कर उनका उपयोग कर सकते हैं। छात्र बहुत उत्साहित थे और उन्होंने आउट रीच टीम से बहुत सारे प्रश्न पूछे। दोनों सत्र बहुत जानकारी पूर्ण थे और छात्रों ने बहुत कुछ सीखा।

आभासी प्रयोगशाला एक ऑन-स्क्रीन सिम्यु लेटर या कैलकुलेटर है जिसका उपयोग शिक्षार्थी विचारों का परीक्षण करने और परिणामों को ऑन लाइन देखने के लिए करते हैं। यह एक कंप्यूटर आधारित गतिविधि है जिसमें छात्र एक वैज्ञानिक उपकरण या अन्य उपकरण के साथ बातचीत करने के लिए कंप्यूटर इंटर फेस का उपयोग करते हैं। वर्तमान में यह कार्यशाला बी.टेक छात्रों के लिए है, क्योंकि अधिकांश प्रयोग इंजीनियरिंग स्ट्रीम के लिए हैं। बहुत जल्द बुनियादी विज्ञान के लिए प्रयोग शुरू किए जाएंगे। लखनऊ विश्वविद्यालय वर्चुअल लैब कर्मियों को शामिल किए जाने वाले प्रयोगों पर सुझाव देगा और इन्हें विकसित किया जाएगा। लखनऊ विश्वविद्यालय से जुड़े सभी 545 कॉलेजों को वर्चुअल लैब प्रोजेक्ट में शामिल करने का लक्ष्य है। वर्चुअल लैब्स नई दिल्ली सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (एनएमईआईसीटी) के माध्यम से शिक्षा पर राष्ट्रीय मिशन के तत्वावधान में मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी), भारत सरकार की एक पहल है। यह परियोजना निम्नलिखित बारह भाग लेने वाले संस्थानों की एक यूनाइटेडगतिविधि है और आईआईटी दिल्ली इसका समन्वय संस्थान है।

Show comments
Share.
Exit mobile version