नई दिल्ली. कोरोना से दिनोंदिन डॉक्टरों और नर्सेस के संक्रमित होने की खबर से कोलकाता की नर्स इस तरह डर गई हैं कि नौकरी छोड़कर अपने-अपने घर वापस जा रही हैं. कोलकाता के 17 निजी चिकित्सा संस्थानों की संस्था ‘दी एसोसिएशन ऑफ हॉस्पिटल्स ऑफ ईस्टर्न इंडिया’ (एएचआईई) ने मुख्य सचिव राजीव सिन्हा को इस समस्या को लेकर एक पत्र लिखा. निजी अस्पतालों के सूत्रों ने बताया कि इस हफ्ते की शुरुआत में 185 नर्सें मणिपुर अपने घर चली गई हैं.

169 नर्सें मणिपुर, त्रिपुरा, ओडिशा और झारखंड के लिए रवाना हो गईं. एएचआईई के अध्यक्ष प्रदीप लाल मेहता ने अपने पत्र में कहा कि वे क्यों छोड़कर जा रही हैं, इसका सही-सही कारण तो हमें नहीं पता लेकिन जो नर्सें अब भी यहां हैं उनका कहना है कि मणिपुर सरकार उन्हें घर वापसी के लिए लुभावने प्रस्ताव दे रही है. दूसरी ओर यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि कोरोना महामारी में संक्रमण के डर से नर्स अपने घरों के लिए जा रही हैं.

मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने अपने फेसबुक पोस्ट पर उस दावे को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि सीएम ने उन्हें वापस राज्य में आने के लिए कहा था. उन्होंने लिखा कि हम किसी को भी लौटने के लिए नहीं कह रहे हैं. हमें उन पर गर्व है कि वे कोलकाता, दिल्ली और चेन्नई में मरीजों की सेवा कर रही हैं.

हमने उनसे पहले ही कहा था कि कोविड-19 के मरीजों का इलाज करने पर हम उन्हें मुआवजा और ईनाम देंगे. नर्सें और चिकित्सक जहां काम कर रहे हैं, वहां उन्हें ठीक नहीं लग रहा है, तो यह उनका फैसला है. मैं उन पर वहां बने रहने के लिए दबाव नहीं बना सकता. मणिपुर लौट चुकी एक नर्स ने बताया कि सुरक्षा संबंधी चिंता और उसके माता-पिता का दबाव नौकरी छोड़ने के दो मुख्य कारण हैं.

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