रामगढ़। ब्लैक फंगस का संक्रमण शरीर में चोट लगने और जलने से भी हो सकता है। यह संक्रमण काफी तेजी से फैलने वाला है। यह बात रामगढ़ के जाने-माने दंत चिकित्सक डॉक्टर आलोक रतन चौधरी ने विशेष बातचीत में कही। उन्होंने कहा कि फंगस का साइज काफी छोटा होता है। यह इंसानी शरीर के खून की नली को भी पार कर जाता है। यह उनमें हो सकता है] जिसकी इम्यूनिटी काफी कमजोर हो। स्किन में चोट लगे हुए स्थान पर भी संक्रमण फैला सकता है। इसके अलावा शरीर में कहीं भी अगर जला हुआ हो तो वहां से भी यह संक्रमण काफी तेजी से फैल सकता है।

डॉक्टर आलोक ने कहा कि इंफेक्शन होने पर कई लक्षण दिखाई देते हैं। नाक भरा भरा रहना, या बंद रहना, नाक में हमेशा बदबू रहना, नाक बहना, चेहरे की एक तरफ सूजन हो जाना, आंख और नाक के चारों तरफ लालीमा बनाना, लंबे समय तक बुखार रहना, तालु का काला हो जाना, दांत दर्द और पायरिया के लक्षण भी इस संक्रमण में देखे जाते हैं। यह फंगल इन्फेक्शन शरीर के दूसरे अंगों में भी हो सकता है। जैसे यह आपके लंग्स और हड्डी को भी अपना शिकार बनाता है।
यह बीमारी ज्यादातर उन लोगों में होती है, जो छह हफ्ते से ज्यादा कोरोना से संक्रमित रहे हो।

इसके अलावा जिन्हें मधुमेह की बीमारी है। कुछ वंशानुगत बीमारी जैसे गुड्स सिंड्रोम और एड्स पीड़ित लोगों में भी ब्लैक फंगस जैसी बीमारी तेजी से फैलती है। ज्यादा समय तक एस्ट्रॉयड लेना या एस्ट्रॉयड का हाई डोज लेना भी वर्तमान समय में घातक हो सकता है। शरीर में कहीं भी चोट लगा हो अथवा शरीर में कहीं भी जला हुआ हो तो उस जगह को भी हमें साफ रखना है। गंदे कपड़े के इस्तेमाल और हॉस्पिटल के गंदे चादर और गंदे मास्क इस्तेमाल करने से भी यह बीमारी फैलती है।

डॉक्टर आलोक ने बताया कि हम इस इंफेक्शन से बच भी सकते हैं। उसके बचाव के लिए हमें सड़े हुए ब्रेड और सब्जी को पूरी तरीके से दूर करना होगा। कोई भी सामान फ्रिज में रखकर ना खाएं। पानी हमेशा उबालकर पीने। शुगर के मरीजों को अपना शुगर लेवल हमेशा कंट्रोल में रखना पड़ेगा। साथ ही अपने मन से कोरोना की दवा भी नहीं खानी है। अगर एस्ट्रॉयड चल रहा हो तो शुगर का टेस्ट हमेशा कराते रहना चाहिए। साथ ही अपने चिकित्सक के परामर्श के बिना कोई भी एंटीबायोटिक नहीं खाना है। एक ही फेस मास्क का इस्तेमाल रोज नहीं करना चाहिए। अगर कोरोना से ठीक हुए हों तो अपने डेंटिस्ट से दांतो की सफाई जरूर कराएं। अच्छी कंपनी का माउथ वास लगातार इस्तेमाल करें। तभी इस संक्रमण से बचा जा सकता है‌

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