रांची। कोरोना पर नियंत्रण के लिए आगे की रणनीति को लेकर मुयमंत्री हेमन्‍त सोरेन ने सोमवार को अपने कैबिनेट के सदस्‍यों के साथ वर्चुअल मीटिंग की। जिसमें कांग्रेस विधायक दल के नेता और संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम, स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री बन्‍ना गुप्‍ता, पेयजल एवं स्‍वच्‍छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर तथा कल्‍याण मंत्री चंपई सोरेन ने पाबंदी की मियाद बढ़ाने की जरूरत बताई तो कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने संभावित चक्रवाती तूफान को देखते हुए 25 से 28 मई तक पूर्ण लॉकडाउन पर विचार का आग्रह किया।

वेबिनार को संबोधित करते हुए मुख्‍यमंत्री हेमन्‍त सोरेन ने कहा कि 75 प्रतिशत झारखण्‍ड की जनता ग्रामीण इलाकों में रहती है। उनके जीवन और जीविका दोनों की चिंता है।

मौके पर वित्‍त सह खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्‍ता मामलों के मंत्री रामेश्‍वर उरांव ने ग्रामीण इलाकों में और मुस्‍तैदी से काम करने, टीकाकरण का लक्ष्‍य तय करने और धान खरीद को लेकर सुझाव दिये। ग्रामीण इलाकों में शादी में जुटने वाी भीड़ पर चिंता जाहिर की।  स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री बन्‍ना गुप्‍ता ने ब्‍लैक फंगस को महामारी घोषित करने की बात कही तो मीडिया और कंपनियों के कर्मियों को ई-पास से मुक्‍त कर परिचय पत्र को ही अनुमति देने की वकालत की। संसदीय कार्य मंत्री ग्रामीण इलाकों में जुटने वाली भीड़ पर नियंत्रण लगाने का सुझाव दिया। श्रम मंत्री सत्‍यानंद भोक्‍ता ने जिले में डॉक्‍टर और मेडिकल स्‍टाफ बढ़ाने की मांग की।

 

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