नई दिल्ली। देश में अब भी कोरोना वायरस से जंग जारी है. ऐसे में मॉनसून ने भी दस्तक दे दी है. कोरोना वायरस महामारी के बीच, मॉनसून का आना किसी खतरे से खाली नहीं है. यूं तो बाढ़ से लेकर भूस्खलन तक, दुनिया भर में कई प्राकृतिक आपदाएं आ चुकी हैं. लेकिन इन सबसे हटकर मॉनसून विभिन्न बीमारियों को अपने साथ लेकर आता है, जो लोगों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं.

 

एक्सपर्ट के अनुसार, मॉनसून में हुई बीमारियों के कुछ ऐसे लक्षण होते हैं जो कोविड-19 के लक्षणों के समान लग सकते हैं. इस तरह से ये लक्षण लोगों के बीच भ्रम की स्थिति पैदा कर सकते हैं. तो आइए जानते हैं एक्सपर्ट के अनुसार कि ये दो अलग-अलग बीमारियां शरीर को कैसे प्रभावित करती हैं और इनके कौन से पहलू समान हैं.

मॉनसून में कई तरह की बीमारियां होती हैं. इनमें वेक्टर बॉर्न बीमारियां जैसे डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, कॉमन कोल्ड, वायरल बुखार जैसे वायरल इंफेक्शन और वॉटर बॉर्न बीमारियां जैसे हैजा, टाइफाइड शामिल हैं.

वहीं कोविड-19 श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता है और धीरे-धीरे पूरे शरीर पर असर डालता है. कोरोना वायरस संक्रमण SARs-COV-2 वायरस के कारण होता है, जो बाद में विभिन्न रूपों में म्यूटेट करता है.

 

कोरोना वायरस का संक्रमण व्यक्ति के रेस्पिरेट्री ट्रैक्ट पर हमला करता है. इससे मरीज को फेफड़े से संबंधित समस्याएं होने लगती हैं. इसके सामान्य लक्षणों में खांसी, गले में खराश, गंध और स्वाद की कमी, सांस लेने में तकलीफ और फेफड़ों की क्षमता में कमी आदि शामिल हैं.

कोरोना वायरस संक्रमण और मॉनसून दोनों पूरी तरह से अलग बीमारियां हैं. लेकिन इनके कुछ लक्षण एक समान हो सकते हैं. वेक्टर बॉर्न बीमारियों में अक्सर तेज बुखार, थकान, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द होता है, जो कि कोविड-19 के लक्षणों के समान है. कोविड-19 और कॉमन कोल्ड दोनों ही सांस संबंधी बीमारियां हैं. इनके लक्षण काफी हद तक एक जैसे हो सकते हैं. गले में खराश, खांसी, बुखार, शरीर में दर्द, कंजेशन आदि इनके लक्षणों में शामिल हैं

 

वायरल बुखार, टाइफाइड और हैजा जैसी अन्य बीमारियां में भी बुखार, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, थकान और कमजोरी, ठंड लगना, चक्कर आना, पसीना, डिहाइड्रेशन, कमजोरी और भूख न लगना जैसे लक्षण देखे जा सकते हैं, जो कोविड- 19 के मरीजों में भी हो सकते हैं.

कॉमन कोल्ड और कोविड- 19 के बीच अंतर करना बहुत मुश्किल है. ये जानते हुए कि दोनों बीमारियां श्वसन स्वास्थ्य से जुड़ी हैं और इनके लक्षण बहुत समान हैं. इसलिए इनके लक्षणों को जान पाना और भी मुश्किल हो जाता है. हालांकि, कॉमन कोल्ड अचानक से होता है और इसके लक्षण धीरे-धीरे दूर हो जाते हैं, लेकिन कोविड- 19 के लक्षण धीरे-धीरे उत्पन्न होते हैं और काफी दिनों तक बने रहते हैं. एक्सपर्ट के अनुसार, शरीर में इस तरह के लक्षण देखे जाने पर तुरंत टेस्ट कराएं.

 

हालांकि, डेंगू के लक्षण और कोविड-19 के लक्षणों में भी कुछ समानताएं देखी जा सकती हैं, जैसे बुखार, थकान और शरीर में दर्द. लेकिन कोविड के कुछ ऐसे लक्षण हैं जो डेंगू से अलग होते हैं. इनमें सूखी खांसी, गले में खराश, गंध और स्वाद की कमी जैसी श्वसन संबंधी समस्याएं शामिल हैं. इन लक्षणों के डेंगू के मरीजों में पाए जाने की संभावना कम होती है. हालांकि, को-इंफेक्शन के बढ़ते खतरे के कारण अगर ऐसे लक्षण देखने को मिल रहे हैं तो व्यक्ति को एक ही समय में डेंगू और कोविड- 19 का टेस्ट करवाने की सलाह दी जाती है.

 

मॉनसून के दौरान जहां कॉमन कोल्ड एक प्रमुख समस्या हो सकती है, वहीं डेंगू और मलेरिया जैसी वेक्टर बॉर्न बीमारियां भी आम हैं. को-इंफेक्शन के बढ़ते खतरे को ध्यान में रखते हुए एक्सपर्ट के अनुसार बताई गई इन चीजों को फॉलो कर आप अपनी और परिवार की सुरक्षा कर सकते हैं. पानी को जमा ना होने दें. बाहर जाते समय मच्छर भगाने वाली क्रीम या स्प्रे का प्रयोग करें. पूरी बाजू के कपड़े पहने ताकि डेंगू के खतरे से बचा जा सके.

 

कोविड- 19 के खतरे से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, मास्क लगाएं, भीड-भाड़ वाली जगह पर ना जाएं, वैक्सीनेशन को प्राथमिकता दें.

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