नई दिल्ली। ओमिक्रॉन ने भारत में भी अपनी दस्तक दे दी. कर्नाटक में 46 और 66 साल के दो पुरुष इस वैरिएंट से संक्रमित पाए हैं. भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने गुरुवार को यह जानकारी दी है. इन संक्रमितों में फिलहाल हल्के लक्षण हैं. वहीं, इन लोगों के संपर्क में आने वाले लोगों पर भी नजर रखी जा रही है. पता हो कि अब तक 29 देशों में ओमिक्रॉन वैरिएंट के 373 केस मिल चुके हैं.

मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि सभी ओमिक्रॉन संबंधित मामलों में अब तक हल्के लक्षण पाए गए हैं. देश और दुनियाभर में अब तक ऐसे सभी मामलों में कोई गंभीर लक्षण नहीं देखा गया है. डब्ल्यूएचओ का कहना है कि ओमिक्रॉन के उभरते लक्षणों का अध्ययन किया जा रहा है.

‘एट रिस्क’ वाले देशों से आने वाले यात्रियों को आगमन पर आरटी-पीसीआर (RT-PCR) टेस्ट से गुजरना होगा. यदि कोविड पॉजिटिव पाए जाते हैं, तो उनका इलाज क्लीनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल के तहत किया जाएगा. यदि टेस्ट निगेटिव मिलता है तो वे 7 दिनों के लिए होम क्वारंटाइन का पालन करेंगे.

मंत्रालय ने WHO के हवाले से बताया कि है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट कोरोना के डेल्टा वैरिएंट से 5 गुना ज्यादा खतरनाक है और इसके तेजी से फैलने की आशंका जताई जा रही है. यह 29 देशों में फैल चुका है. WHO ने इसे वैरिएंट ऑफ कंसर्न की कैटेगरी में रखा है.

भारत में एक महीने से कोरोना के मामलों में कमी आ रही है.अब महाराष्ट्र और केरल में 10 हजार से ज्यादा केस एक्टिव हैं यानी दो राज्यों में देश के 55 फीसदी केस एक्टिव हैं. 49% आबादी को वैक्सीन के दोनों डोज लग जाने के बाद यह कोविड मामलों में यह कमी देखी गई है.

70% केस यूरोपियन रीजन में 

अग्रवाल ने आंकड़ों के आधार पर बताया कि दुनियाभर के कोविड मामलों के 70 फीसदी केस यूरोप क्षेत्र में एक्टिव हैं. बीते सप्ताह 28 नवंबर को यूरोपीय क्षेत्र में कोविड के करीब 2.75 लाख नए मामले और 31,000 से अधिक मौतें दर्ज की गईं. इसकी तुलना में, दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र जिसमें भारत और 11 अन्य देश शामिल हैं, ने पिछले एक सप्ताह में केवल 1.2 लाख मामले दर्ज किए जो कि दुनिया के मामलों के केवल 3.1% हैं. यानी दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र में कोविड मामलों में कमी दर्ज की जा रही है.

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