नई दिल्ली। अमरूद में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं. इसमें मौजूद मिनरल और विटामिन शरीर को कई तरह की बीमारियों से बचाने में मदद करते हैं. कैलोरी में कम और फाइबर से भरपूर अमरूद पोषक तत्वों से भरपूर फल है. अमरूद न केवल फल के रूप में लाभदायक है बल्कि इसके पत्ते शरीर के लिए कई तरह फायदेमंद होते हैं.

 

शोध के अनुसार, अमरूद के पत्तों के अर्क को डाइट में शामिल करने से हृदय और पाचन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं. इतना ही नहीं, इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है. लेकिन अमरूद में कुछ ऐसे यौगिक होते हैं जो सभी के लिए अच्छे नहीं माने जाते हैं. खासकर उन लोगों के लिए जो विशेष प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से पीड़ित हैं.

 

अमरूद एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन सी और पोटेशियम से भरपूर होता है. अमरूद की 1 सर्विंग में 112 कैलोरी और 23 ग्राम से अधिक कार्बोहाइड्रेट होता है. इसमें फाइबर की मात्रा लगभग 9 ग्राम होती है, लेकिन इसमें स्टार्च नहीं पाया जाता है. 1 कप कटे हुए अमरूद में फैट की मात्रा 1.6 ग्राम होती है, लेकिन इसमें प्रोटीन की मात्रा लगभग 4 ग्राम होती है.

 

अध्ययनों से पता चलता है कि अमरूद डायबिटीज के मरीजों के लिए भी फायदेमंद है, क्योंकि इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है. इसके अलावा, फोलेट और बीटा कैरोटीन कुछ अन्य पोषक तत्व हैं, जो इस फल में प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं. आइए जानते हैं कि किन लोगों को अमरूद के सेवन से बचना चाहिए.

 

ब्लोटिंग की समस्या से पीड़ित लोग– अमरूद विटामिन सी और फ्रुक्टोज से भरपूर होता है. शरीर में दोनों में से किसी की भी ज्यादा मात्रा ब्लोटिंग यानी पेट में गैस या पेट फूलने की समस्या को पैदा कर सकती है. वॉटर सॉल्युबल विटामिन होने के कारण हमारे शरीर को बहुत अधिक विटामिन सी को एब्जॉर्ब करने में कठिनाई होती है. इसलिए विटामिन सी की मात्रा ज्यादा होने से अक्सर ब्लोटिंग की समस्या हो जाती है.

वहीं फ्रुक्टोज की ज्यादा मात्रा शरीर में ब्लोटिंग को ट्रिगर करती है. लगभग 40 प्रतिशत लोग फ्रुक्टोज मालअब्जॉर्प्शन नामक समस्या से पीड़ित हैं. इसमें नेचुरल शुगर शरीर द्वारा एब्जॉर्ब नहीं होती है और पेट में जमा हो जाती है, जिससे ब्लोटिंग की समस्या हो सकती है. इतना ही नहीं, अमरूद खाने के तुरंत बाद सोने से भी इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है.

 

इरिटेटेड बाउल सिंड्रोम से पीड़ित लोग– अमरूद में फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जो कब्ज को कम करने और पाचन क्रिया को दुरुस्त करने में मदद करती है. लेकिन अमरूद का अधिक सेवन पाचन तंत्र को खराब कर सकता है. खासकर अगर आप इरिटेटेड बाउल सिंड्रोम से पीड़ित हैं. इरिटेटेड बाउल सिंड्रोम एक प्रकार का आंत संबंधी विकार है जिसके कारण पेट में दर्द, दस्त और कब्ज की समस्या हो सकती है. ये समस्या फ्रुक्टोज मालअब्जॉर्प्शन के कारण भी होती है. इसलिए जरूरी है कि सीमित मात्रा में ही अमरूद खाएं.

डायबिटीज से पीड़ित लोग– कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स के कारण डायबिटीज के मरीजों के लिए अमरूद को फायदेमंद माना गया है. हालांकि, अगर आप इस फल को अपनी डाइट में शामिल कर रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप अपने ब्लड शुगर के लेवल को नियमित रूप से चैक करते रहें. 100 ग्राम कटे हुए अमरूद में 9 ग्राम नेचुरल चीनी होती है. इसलिए, बहुत अधिक मात्रा में अमरूद का सेवन करने से ब्लड में शुगर का लेवल बढ़ सकता है. इसलिए इसे सीमित मात्रा में ही खाएं.

 

सीमित मात्रा में खाएं– एक दिन में अमरूद की एक सर्विंग खाना सुरक्षित माना गया है. इससे अधिक लेना शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है. आप दो मील के बीच, वर्कआउट करने से पहले या बाद में अमरूद खा सकते हैं. रात में अमरूद खाने से बचें क्योंकि इससे सर्दी-खांसी जैसी समस्या हो सकती है.

अमरूद के पत्ते– अमरूद के पत्तों के अर्क के उपयोग और लाभ के बारे में कोई खास पुष्टि नहीं की गई है. एक्सपर्ट्स के अनुसार, किसी निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है. इसलिए अमरूद के पत्तों के अर्क को डाइट में शामिल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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