केरल में एक ओर कोरोना संक्रमण का कहर जारी है। वहीं, दूसरी ओर निपाह वायरस भी पैर पसार रहा है। कोझीकोड में आज तड़के निपाह वायरस से एक 12 वर्षीय बच्चे की मौत हो गई। 3 सितंबर को बच्चे की तबीयत बिगड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन उसकी हालत में सुधार नहीं हो रहा था। शनिवार को बच्चे को एक निजी अस्पताल के आईसीयू में दाखिल कराया गया। रविवार सुबह पांच बजे बच्चे ने दम तोड़ दिया। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने बताया कि बच्चे के संपर्क में आए 20 लोगों को हाई-रिस्क कैटेगरी में रखा गया है, उनमें से दो में लक्षण दिखने लगे हैं। दोनों ही स्वास्थ्यकर्मी हैं। एक कोझिकोड़ के सरकारी अस्पताल का कर्मी है, जबकि दूसरा निजी अस्पताल में है।
केंद्रीय टीम संक्रमण के मामलों की करेगी तलाश
इससे पहले पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने निपाह वायरस से बच्चे की मौत की पुष्टि की है। इंस्टीट्यूट ने बताया कि बच्चे की रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि यह दल राज्य को तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। केंद्र ने कुछ तात्कालिक लोक स्वास्थ्य कदम उठाने का परामर्श दिया है जिसमें पीड़ित लड़के के परिवार, अन्य परिवारों, गांव एवं आसपास की स्थिति वाले इलाकों खासकर मल्लापुरम में संक्रमण के मामलों की तलाश करेगी।
बच्चे की मौत पर केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने कहा, “12 साल के बच्चे की निपाह वायरस से मौत की पुष्टि हुई है। हमने पहले ही कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग शुरू कर दी है और हालात का जायजा लेने में जुटे हैं। एनसीडीसी की टीम भी हमारा सहयोग कर रही है।” उन्होंने आगे कहा, “हमने अब तक लड़के के 188 प्राथमिक संपर्कों का पता लगा लिया है। इनमें से 20 लोग हाई-रिस्क (जोखिम) वाली श्रेणी में रखे गए हैं। हमने निपाह से संक्रमित हुए लड़के के घर के तीन किमी के दायरे में लॉकडाउन लगा दिया है।”
मंत्री ने कहा कि नौ जिलों के स्वास्थ्य अधिकारी सीमावर्ती जिलों में प्रवेश करने वालों के लिए स्वास्थ्य शिविर आयोजित करने के अलावा यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग आदि की जांच कर रहे हैं। लोगों को (तमिलनाडु में) प्रवेश करने की अनुमति तभी दी जा रही है, जब उनके पास कोविड-19 टीकाकरण प्रमाण पत्र हो और आरटी-पीसीआर नकारात्मकता रिपोर्ट हो।