नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जर्मनी चांसलर एंजिला मर्केल की वार्ता के बाद दोनों देशों के बीच 17 समझौतों और करारों पर हस्ताक्षर हुए, जिसके तहत दोनों देशों ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में आपसी सहयोग बढ़ाने का फैसला किया।

शुक्रवार को भारत और जर्मनी के बीच अंतर सरकार विचार विमर्श की पांचवी बैठक में अंतरिक्ष, नागरिक उड्डयन, स्टार्ट अप, शिक्षा, कृषि एवं स्वास्थ्य के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का निश्चय किया और इस सम्बन्ध में करार हुए। रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए दोनों पक्षों ने पांच दस्तावेजों को भी स्वीकार किया। भारत और जर्मनी के अंतरिक्ष वैज्ञानिक एक दूसरे की संस्थाओं में अनुभव हासिल करेंगे। दोनों नेताओं ने बाद में साझा पत्रकार वार्ता को सम्बोधित किया, जिस दौरान करारों और दस्तावेजों का आदान-प्रदान हुआ।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने प्रेस वक्तव्य में कहा कि भारत और जर्मनी के बीच हर क्षेत्र में, खास तौर पर नवीन और आधुनिकतम प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच दूरगामी और रणनीतिक सहयोग आगे बढ़ रहा है। उन्होंने एंजिला मर्केल के साथ पिछली तीन अंतर सरकार वार्ता का उल्लेख करते हुए कहा कि इस अनोखी वार्ता प्रकिया से द्विपक्षीय सहयोग में बहुत वृद्धि हुई है और यह आज हुए करारों व समझौतों से स्पष्ट है।

मोदी ने वर्ष 2022 तक नए भारत के सपने को साकार करने का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत की प्राथमिकताओं और आवश्यकताओं के लिए जर्मनी की प्रौद्योगिकी एवं आर्थिक क्षमताएं उपयोगी होंगी। इसलिए दोनों देशों ने नवीन एवं आधुनिकतम प्रौद्योगिकी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्किल, शिक्षा, साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर विशेष बल दिया है। इलेक्ट्रॉनिक संपर्क, फ्यूल सेल प्रौद्योगिकी, स्मार्ट सिटी, जल परिवहन, तटीय सुविधा, नदियों की सफाई और पर्यावरण संरक्षण में सहयोग की नयी संभावनाओं को विकसित करने का भी फैसला किया गया है। इन क्षेत्रों में दोनों देशों का सहयोग जलवायु वरिवर्तन के खिलाफ साझा प्रयासों में भी मदद करेगा।

आर्थिक सहयोग के बारे में मोदी ने कहा कि व्यापार और निवेश में अपनी बढ़ती हुई भागीदारी को और गति देने के लिए दोनों देश निजी सेक्टर को प्रोत्साहित कर रहे हैं। उन्होंने जर्मनी को आमंत्रित किया कि वह रक्षा-उत्पादन के क्षेत्र में निवेश करे तथा उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में ‘रक्षा गलियारे’ में अवसरों का लाभ उठाए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद और उग्रवाद जैसे खतरों से निपटने के लिए दोनों देश द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग को और घनिष्ठ बनाएंगे। उन्होंने कहा कि भारत और जर्मनी के विश्वास और मित्रतापूर्ण संबंध, लोकतंत्र और विधि के शासन जैसे साझा मूल्यों पर आधारित है। विश्व की गंभीर चुनौतियों के बारे में हमारे दृष्टिकोण में समानता है। उन्होंने परमाणु ईंधन की आपूर्ति सम्बन्धी व्यवस्था और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों में भारत की सदस्यता को जर्मनी के सशक्त समर्थन के लिए उसका आभारी व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि दोनों देश सुरक्षा परिषद, संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में अन्य आवश्यक सुधार शीघ्र कराने के लिए सहयोग और प्रयास जारी रखेंगे।

Show comments
Share.
Exit mobile version