मध्यप्रदेश के इंदौर में 23 वर्ष पुराने अपराध में जिला अदालत ने अधेड़ को दोषी पाते हुए सजा सुनाई. आरोपी ने एक दुकान में सेंध लगाकर दो पंखे चुराये थे. अधेड़ व्यक्ति के खिलाफ अपराध सिद्ध होने पर उसे एक वर्ष के कारावास के अलावा एक हजार रुपये का जुर्माना भी देना होगा.
प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट जेएमएफसी भूपेंद आर्य ने 55 वर्षीय शंकर को भारतीय दंड विधान की धारा 457 और 380 के अंतर्गत मंगलवार सजा सुनाई है. शंकर ने 23 वर्ष पहले एक दुकान में सेंध लगाकर पंखे चोरी किये थे. आरोपी रंगे हाथ पकड़ा गया था. अदालत में चल रहे इस मामले अभियोजन पक्ष ने जुर्म साबित करने के लिये अदालत में पांच गवाह पेश किये थे. आरोप सही पाये जाने पर शंकर को एक वर्ष का कारावास की सजा सुनाई गई है, इसके साथ ही उसे एक हजार रुपये का जुर्माना भी देना होगा.

सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी संजीव पांडेय ने बताया कि शहर की सेंट्रल कोतवाली क्षेत्र में 23 मार्च 1998 को देर रात एक चौकीदार की मुस्तैदी के कारण शंकर एक दुकान से दो पंखे चुराते रंगे हाथ पकड़ा गया था. उन्होंने कहा व्यक्ति के कब्जे से बरामद चोरी के दो पंखों की कुल कीमत वर्ष 1998 में 500 रुपये के आस-पास रही होगी. संजीव पांडेय ने बताया कि जमानत पर जेल से रिहा होने के बाद शंकर फरार हो गया था, इसलिए पंखा चोरी मुकदमे की सुनवाई पूरी होने में लम्बा वक्त लग गया.

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