नई दिल्ली। लंबी बीमारी के बाद देश के पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी के कद्दावर नेता अरुण जेटली का शनिवार को निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के एम्स में दोपहर 12.07 बजे अंतिम सांस ली। वह 66 वर्ष के थे। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, रविवार दोपहर दिल्ली के निगमबोध घाट में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। उन्हें दो सप्ताह पहले सांस लेने में तकलीफ होने के कारण एम्स में भर्ती किया गया था। जेटली के निधन की खबर सुनने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने अपने हैदराबाद दौरे को बीच में खत्म कर दिया और दिल्ली लौट गए। जेटली का निधन ऐसे वक्त में हुआ है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विदेश दौरे पर अभी संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में हैं। एम्स ने बयान जारी कहा कहा कि हम बड़े दुख के साथ जानकारी दे रहे हैं कि पू केंद्रीय केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली ने 24 अगस्त को दोपहर 12 बजकर सात मिनट पर अंतिम सांस ली। जेटली को यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में नौ अगस्त भर्ती कराया गया था और कई क्षेत्रों के वरिष्ठ डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही थी। अस्पताल के सूत्रों ने इससे पहले उनके जीवन रक्षक प्रणाली पर होने की जानकारी दी थी।

बीजेपी के कद्दावर नेता के निधन से राजनीतिक गलियारे में शोक की लहर दौड़ गई । राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित विभिन्न पार्टियों के बड़े नेताओं ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया। प्रधानमंत्री ने यूएई से ही जेटली की पत्नी संगीता और बेटे रोहन से बात की और उन्हें सांत्वना दी। उन्होंने जेटली के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उनके व्यक्तित्व के शानदार पहलुओं का जिक्र किया। पीएम ने ट्वीट कर कहा, ‘जेटली एक करिश्माई व्यक्ति थे जिनका समाज के सभी वर्गों में बहुत सम्मान था। अपने लंबे राजनीतिक करियर में उन्होंने कई मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली थी।’

गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी का अरुण जेटली के साथ लंबे समय से बेहद करीबी रिश्ता रहा था। जेटली ने मोदी को बीजेपी के पीएम पद का उम्मीदवार बनाने का न केवल समर्थन किया, बल्कि सरकार के पहले कार्यकाल में बतौर वित्त मंत्री मोदी के साथ मजबूती से खड़े रहे। हालांकि, स्वास्थ्य खराब होने के कारण उन्होंने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में कोई पद नहीं लेने की इच्छा से पीएम को अवगत कराया था। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने उनके निधन पर शोक जताते हुए कहा कि मैं बेहद दुखी हैं। कोविंद ने लिखा, ‘अरुण जेटली के देहावसान से मुझे गहरा दुख हुआ है। उन्होंने दृढ़ता और गरिमा से अपनी बीमारी का सामना किया। एक प्रखर वकील, अनुभवी सांसद और उत्कृष्ट मंत्री के रूप में उन्होंने राष्ट्र निर्माण में अमूल्य योगदान दिया।’ राष्ट्रपति ने लिखा, ‘अरुण जेटली कठिन से कठिन कार्य को शांति, धैर्य और गहरी समझदारी के साथ पूरा करने का अद्भुत सामर्थ्य रखते थे। उनका देहावसान हमारे सार्वजनिक जीवन और बौद्धिक क्षेत्र के लिए बहुत बड़ी क्षति है। उनके परिवार और सहयोगियों के प्रति मेरी गहन शोक संवेदनाएं।’

उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने उन्हें एक अच्छा मित्र बताते हुए उनके निधन पर गहरा दुख जताया। नायडू ने कहा, ‘उनके निधन से देश को हुई क्षति की भरपाई नहीं की जा सकती और यह मेरे लिए एक व्यक्तिगत क्षति है। दुख व्यक्त करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं है।’ बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं गृह मंत्री अमित शाह ने जेटली के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए इसे व्यक्तिगत क्षति बताया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘अरुण जेटली जी के निधन से अत्यंत दुखी हूं, जेटली जी का जाना मेरे लिए एक व्यक्तिगत क्षति है। उनके रूप में मैंने ना सिर्फ संगठन का एक वरिष्ठ नेता खोया है बल्कि परिवार का एक ऐसा अभिन्न सदस्य भी खोया है जिनका साथ और मार्गदर्शन मुझे वर्षों तक प्राप्त होता रहा।’

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लिखा, ‘जेटली जी को अर्थव्यवस्था को निराशा के दौर से बाहर निकालने और वापस पटरी पर लाने के लिए हमेशा याद किया जाएगा। बीजेपी में अरुण जी की कमी हमेशा खलेगी। मैं उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।’ महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, ‘एक कद्दावर नेता, जिन्होंने हमेशा अभावग्रस्त लोगों की मदद की…बेमिसाल वक्ता, कानून विशेषज्ञ अरुण जेटली जी ने पूरी ईमानदारी एवं जोश के साथ देश और संगठन की सेवा की। मैं उन्हें श्रद्धांजलि देती हूं। उनके प्रियजनों को संवेदनाएं। ओम शांति।’

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने एक बयान में जेटली के निधन पर दुख जताते हुए कहा, ‘जेटली ने एक सार्वजनिक व्यक्तित्व, सांसद और मंत्री के रूप में लंबे समय तक सेवाएं दीं। सार्वजनिक जीवन में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा।’ इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से कहा, ‘हमें अरुण जेटली जी के निधन के बारे में सुनकर बहुत दुख हुआ है। दुख की इस घड़ी में हमारी संवेदनाएं और प्रार्थना जेटली जी के परिवार के साथ हैं।’ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जेटली के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए इसे देश के लिए बड़ी क्षति बताया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘पूर्व वित्त मंत्री एवं वरिष्ठ नेता अरुण जेटली का असमय निधन देश के लिए एक बड़ी क्षति है। कानून विशेषज्ञ और एक अनुभवी राजनेता, जिन्हें उनके शासन कौशल के लिए पहचाना जाता था, देश उन्हें याद करेगा। दुख की इस घड़ी में हमारी संवेदनाएं एवं प्रार्थना उनके परिवार के साथ हैं।’

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, ‘अरुण जेटली के निधन से बेहद दुखी हूं। एक बेहतरीन सांसद और बेमिसाल वकील, सभी दल उनका सम्मान करते थे। भारतीय राजनीति में उनका योगदान याद किया जाएगा। उनकी पत्नी, बच्चों, दोस्तों और प्रशंसकों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं।’ ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने जेटली के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि वह एक विद्वान व्यक्ति थे। उन्होंने ट्वीट किया, ‘पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली जी के निधन की खबर सुन बेहद दुखी हूं। वह प्रखर वकील, सांसद और एक विद्वान व्यक्ति थे।’

दिल्ली विश्वविद्यालय से छात्र नेता के रूप में राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले जेटली पेशे से वकील थे और बीजेपी सरकार के पहले कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मंत्रिमंडल में उनकी अहम भूमिका रही । उन्होंने वित्त और रक्षा मंत्रालय का कार्यभार संभाला और कई बार सरकार के लिए संकटमोचक भी साबित हुए। बीमारी के कारण जेटली ने 2019 लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया था।

इस साल मई में भी उन्हें इलाज के लिए एम्स में भर्ती कराया गया था। पिछले साल अप्रैल से ही उन्होंने अपने कार्यालय आना बंद कर दिया था और 14 मई को उनकी किडनी ट्रांसप्लांट की गई थी। उस समय रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने उनके वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाला था। हालांकि, बीमारी को मात देकर 23 अगस्त 2018 को उन्होंने दोबारा वित्त मंत्रालय का कार्यभार संभाला था। डायबिटीज की बीमारी के चलते वजन बढ़ने के कारण सितंबर 2014 में उनकी बेरिएट्रिक सर्जरी भी हुई थी।

Show comments
Share.
Exit mobile version