नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अरुण जेटली के निधन को स्वयं के लिए व्यक्तिगत क्षति बताते हुए कहा कि उन्होंने दशकों पुराना अपना एक मूल्यवान मित्र खो दिया। उन्होंने कहा कि जेटली एक बड़े राजनीतिक दिग्गज, बुद्धिजीवी और कानूनी प्रकाशपुंज थे। प्रधानमंत्री ने जेटली की पत्नी संगीता और पुत्र रोहन से फोन पर बात कर अपनी संवेदना व्यक्त की।

प्रधानमंत्री अभी संयुक्त अरब अमीरात के आधिकारिक दौरे पर हैं। उन्होंने वहां से ट्वीट कर अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, अरुण जेटली एक मुखर नेता थे। उनके निधन से मैंने एक ऐसे मूल्यवान दोस्त को खो दिया, जिसे मैं दशकों से जानता था। मुद्दों पर उनकी गहरी पहुंच और समझ के सामानांतर बहुत कम लोग थे। वह अच्छी तरह जिए और हमें काफी खुशनुमा यादों के साथ छोड़ गए। हम लोग उनकी कमी महसूस करेंगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा और अरुण जेटली का अटूट बंधन था। एक उग्र छात्र नेता के रूप में वह आपातकाल के दौरान हमारे लोकतंत्र की रक्षा करने में सबसे आगे थे। वह हमारी पार्टी का सबसे पसंदीदा चेहरा बन गए, जो पार्टी के कार्यक्रमों और विचारधारा को समाज के एक व्यापक स्पेक्ट्रम तक स्पष्ट कर सकते थे। उन्होंने कहा कि जीवन से भरपूर, बुद्धि से भरपूर, हास्य और करिश्मा की एक महान भावना के कारण अरुण जेटली को समाज के सभी वर्गों के लोगों ने सराहा। वह एक बहुआयामी व्यक्तित्व था, उन्हें भारत के संविधान, इतिहास, सार्वजनिक नीति, शासन और प्रशासन के बारे में त्रुटिहीन ज्ञान था।

अपने लंबे राजनीतिक करियर के दौरान, अरुण जेटली ने कई मंत्री पद का दायित्व निभाया, जिसने उन्हें भारत की आर्थिक वृद्धि, हमारी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने, लोगों के अनुकूल कानून बनाने और अन्य देशों के साथ व्यापार बढ़ाने में सक्षम बनाया।

उल्लेखनीय है कि 66 वर्षीय जेटली का आज (शनिवार को) अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स) में निधन हो गया। वह मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्रिमंडल के विश्वसनीय सदस्यों में से एक थे। उन्होंने केंद्रीय वित्तमंत्री और रक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया।

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