नई दिल्ली। सुप्रीम ने एनडीए (नेशनल डिफेंस एकेडमी) में लड़कियों की पढ़ाई को मंजूरी दे दी है.

याचिका में क्या कहा गया था?

याचिका में लिखा गया था कि सेना में युवा अधिकारियों की नियुक्ति करने वाले नेशनल डिफेंस एकेडमी और नेवल एकेडमी में सिर्फ लड़कों को ही दाखिला मिलता है. ऐसा करना उन योग्य लड़कियों के मौलिक अधिकारों का हनन है, जो सेना में शामिल होकर देश की सेवा करना चाहती हैं.

अब 8 सितंबर को एनडीए की प्रवेश परीक्षा होनी है. एनडीए में दाखिले पर फैसला बाद में होगा. लेकिन कोर्ट ने आज परीक्षा में शामिल होने पर सहमति जता दी है. लड़कियों को अब तक अनुमति नेशनल डिफेंस एकेडमी की परीक्षा में शामिल होने की नहीं थी.

वकील कुश कालरा याचिकाकर्ता ने कोर्ट को बताया था कि महिलाओं को ग्रेजुएशन के बाद ही सेना में आने की अनुमति है. उनके लिए न्यूनतम आयु भी 21 साल रखी गई है. जबकि लड़कों को 12वीं के बाद ही एनडीए में शामिल होने दिया जाता है.

इस तरह शुरुआत में ही महिलाओं के पुरुषों की तुलना में बेहतर पद पर पहुंचने की संभावना कम हो जाती है. यह समानता के अधिकार का हनन है. कोर्ट ने केंद्र सरकार को मामले पर अपना रुख साफ करने के लिए कहा था. मामले की सुनवाई जस्टिस संजय किशन कौल और हृषिकेश रॉय की खंडपीठ ने की.

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