नई दिल्ली। कोरोना से जंग के लिए आई वैक्सीन (Corona Vaccine) को लेकर हुई ताजा रिसर्च ने चिंता बढ़ा दी है. इसमें बताया गया है कि सिर्फ 6 महीने बाद ही कोरोना टीके का असर (Corona vaccine effectiveness) धीरे-धीरे कम होने लगता है. रिसर्च में इस बात पर बल दिया गया है कि कोविड वैक्सीन की दो खुराकों के बाद बूस्टर डोज भी ली जाए. ब्रिटेन में हुई यह रिसर्च फाइजर/बायोनटेक और ऑक्सफोर्ड/एस्ट्राजेनेका कोविड वैक्सीन को लेकर की गई थी.

मीडिया खबर के मुताबिक, फाइजर टीका कोरोना को मात देने में 88 फीसदी तक कारगर है. लेकिन दोनों खुराक के पांच से छह महीने बाद इसका असर 88 फीसदी से गिरकर 74 फीसदी तक आ जाता है. यह ब्रिटेन के ZOE COVID शोध में पाया गया है. इसी तरह एस्ट्राजेनेका का कोरोना टीका 77 फीसदी प्रभावी है. इसका असर 4 से 5 महीने बाद 67 फीसदी तक रह जाता है.

आने वाले महीनों में और कम हो सकता है प्रभाव

ZOE लिमिटिड के को फाउंडर और प्रिंसिपल इंवेस्टिगेटर टिम स्पेक्टर ने कहा है कि प्रोटेक्शन आने वाली सर्दियों में 50 फीसदी तक गिर सकती है. ऐसा होने के चांस बुजुर्ग लोगों और हेल्थ केयर वर्कर्स के साथ ज्यादा हैं. उनका कहना है कि हम वैक्सीन के प्रभाव को ऐसे कम होते हुए सिर्फ देखते नहीं रहना चाहिए.

बता दें कि ब्रिटेन और कई यूरोपियन देश कोविड वैक्सीन की बूस्टर डोज देने का प्लान बना रहे हैं.  ऐसे में सितम्बर में कोविड वैक्सीन का तीसरा डोज दिया जा सकता है. अमेरिका भी इसपर विचार कर रहा है.

जापान ने मॉडर्ना वैक्सीन की कुछ खुराकें वापस लीं

वैक्सीन से जुड़ी एक खबर जापान से भी आई है. जापान ने कोरोना की मॉडर्ना वैक्सीन की कुछ खुराकों को वापस लिया है. बताया गया है कि ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि शीशियों में कुछ मिला था. इस वजह से सावधानी बरतते हुए ऐसा किया गया. हालांकि यह भी साफ किया गया कि सुरक्षा के लिहाज से कोई खतरा नहीं था.

Show comments
Share.
Exit mobile version