नई दिल्ली। आतंक का सौदागर जम्मू-कश्मीर पुलिस का दागी डीएसपी देविंदर सिंह लंबे समय से देश के साथ गद्दारी करता रहा। खुफिया एजेंसी आईबी को आशंका है कि आतंकियों का यह आका कहीं न कहीं पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के स्थानीय गुर्गों के भी करीब रहा है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) पिछले दिनों आतंकी नवीद मुश्ताक व अन्य के साथ हत्थे चढ़े जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी देविंदर सिंह के खिलाफ केस दर्ज कर चुकी है। एनआईए उसे दिल्ली लाने की तैयारी में है। देविंदर सिंह ने आईबी के भी कान खड़े कर दिए हैं। आईबी ने 2005 का एक पत्र खोज निकाला है। डेढ़ दशक पहले गिरफ्तार चार आतंकियों के पास से बरामद यह पत्र देविंदर सिंह ने लिखा था।
दिल्ली पुलिस ने 1 जुलाई, 2005 को गुरुग्राम-दिल्ली सीमा से चार आतंकवादियों को 50 हजार रुपये, हथियार और गोला-बारूद के साथ गिरफ्तार किया था। इनमें से दो की पहचान साकिब रहमान उर्फ मसूद और हाजी गुलाम मोइनुद्दीन डार उर्फ जाहिद के रूप में हुई थी। पुलिस ने जांच के दौरान पालम एयर बेस का स्केच और आतंकी डार के पास से देविंदर सिंह का पत्र बरामद किया था। यह आतंकी कश्मीर से आए थे। उन्हें दिल्ली में घुसने से पहले दबोच लिया गया था। इस पत्र में देविंदर ने ‘सुरक्षित मार्ग’ का जिक्र किया था।
आईबी सूत्रों का कहना है कि संसद हमले के दोषी अफजल गुरु ने अपने अधिवक्ता को एक पत्र लिखा था। उसमें में भी देविंदर के नाम का जिक्र था। एनआईए अब आतंकी डार से मिले देविंदर के तब के लिखे पत्र पर भी उससे पूछताछ करेगी। उस वक्त देविंदर जम्मू-कश्मीर सीआईडी में डिप्टी एसपी था।
आईबी सूत्रों का कहना है कि देविंदर ने पत्र में लिखा था कि पुलवामा के डार को पिस्तौल (पंजीकरण संख्या के.14363) और एक वायरलेस सेट ऑपरेशन ड्यूटी के लिए ले जाने की अनुमति है।’। इस पत्र में सुरक्षा एजेंसियों को किसी भी सत्यापन के लिए सुरक्षित मार्ग प्रदान करने को कहा गया था। यह पत्र देविंदर ने अपने विभागीय लेटर पैड पर लिखा था।
डार की गिरफ्तारी के एक हफ्ते बाद दिल्ली पुलिस जम्मू-कश्मीर गई थी और डार के घर से 10 अंडर बैरल ग्रेनेड लॉन्चर (यूबीजीएल), ग्रेनेड और एक वायरलेस सेट बरामद किया। साहिब रहमान के घर से एक एके-47, 2 मैगजीन, 130 कारतूस, दो हथगोले और तीन यूबीजीएल ग्रेनेड बरामद किए थे। दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में दावा किया था कि डार और रहमान ने खुलासा किया है कि वह पाकिस्तान की इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के लिए काम करते हैं।