अहमदाबाद। पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को राजद्रोह के मामले में शनिवार की रात गिरफ्तार करके देर रात जज के घर पर पेश किया गया। न्यायाधीश ने हार्दिक पटेल को 24 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया।

पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान 2015 में अहमदाबाद में दर्ज राजद्रोह के मामले में सिटी सिविल सेशंस कोर्ट ने पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को दोषी ठहराया है। 18 जनवरी को मामले की सुनवाई के दौरान हार्दिक पटेल अदालत में हाजिर नहीं हुए जबकि चिराग पटेल और दिनेश पटेल मौजूद थे। हार्दिक ने अपनी अनुपस्थिति के लिए माफी के लिए आवेदन किया जिसे सिटी सिविल सेशंस कोर्ट ने खारिज करके गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया। इस पर साइबर क्राइम ब्रांच ने हार्दिक पटेल को वीरगाम के पास हंसलपुर चौकडी से गिरफ्तार कर लिया। हार्दिक पटेल को गिरफ्तार कर जज के घर पर देर रात पेश किया गया। न्यायाधीश ने हार्दिक पटेल को 24 जनवरी तक न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया।

सेशन कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि हाईकोर्ट ने हार्दिक पटेल की जमानत मंजूर करते हुए कहा था कि मुकदमे के संबंध में उन्हें अदालत में पेश होना होगा। इस वजह से ट्रायल में देरी हो रही है जबकि मामले को जल्द से जल्द स्थानांतरित करना आवश्यक है, इसलिए हार्दिक पटेल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। दूसरी ओर हार्दिक के वकील ने कहा कि हार्दिक निजी कारणों से अदालत में पेश नहीं हो सका है। इस मामले में हार्दिक पटेल, चिराग पटेल, दिनेश पटेल और केतन पटेल के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था जिसमें केतन पटेल गवाह बन चुका है जबकि अन्य तीन के खिलाफ मामला चलाया गया। चिराग पटेल भाजपा में शामिल हो चुका है।

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