नई दिल्ली। मालदीव की पीपुलस मजलिस (संसद) के स्पीकर मोहम्मद नशीद के नेतृत्व में मालदीव से आए संसदीय शिष्टमंडल का आज संसदीय सौध विस्तार भवन में स्वागत करते हुए, लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि भारत और मालदीव के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों के साथ बहुत सारी साझी बातें हैं।
उन्होंने कहा कि भारत की ‘नेबरहुड फ़र्स्ट’ नीति मालदीव की ‘इंडिया फ़र्स्ट’ नीति के अनुरूप है। बिरला ने इस बात पर ज़ोर दिया कि दोनों देशों को न केवल व्यापार और रोजगार के आर्थिक क्षेत्र में बल्कि स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाना चाहिए । उन्होने कहा कि प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी और मालदीव के राष्ट्रपति इबु शोलिह की संकल्पना में दोनों देशों के बीच ऐसे सार्थक सहयोग को महत्व दिया गया है ।
बिरला ने मालदीव में लोकतन्त्र की स्थापना में नशीद की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि भारत और मालदीव के बीच विकास संबंधी सहयोग मैत्री और परस्पर विश्वास का प्रतीक है और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाता है। उन्होने हाल ही में माले (मालदीव) में सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति के बारे में चौथे दक्षिण एशियाई अध्यक्ष शिखर सम्मेलन के दौरान भारतीय संसदीय शिष्टमंडल को दिए गए सहयोग के लिए मालदीव सरकार का आभार व्यक्त किया।
बिरला ने यह भी कहा कि भारत को मालदीव के साथ अपने समृद्ध संसदीय अनुभव साझा करने में खुशी होगी। उन्होंने टिप्पणी की कि भारत की संसद और मालदीव की पीपलस मजलिस के बीच क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण के अधिकाधिक अवसर उपलब्ध होने चाहिए। उन्होने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि संसदीय पद्धतियों और प्रक्रियाओं के क्षेत्र में सर्वोत्तम पद्धतियों को साझा करने के लिए एक ढांचा विकसित करने के लिए दोनों सांसदों के बीच संसदीय सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएँगे । नशीद ने दोनों देशों के बीच गहरे संबंधों का उल्लेख किया। इस बात पर ज़ोर देते हुए कि द्विपक्षीय व्यापार में तेजी लाए जाने की जरूरत है, उन्होने आशा व्यक्त की कि अपने देश के अन्य देशों के साथ आर्थिक संबंधों में आने वाली विसंगतियों को दूर करने में भारत सार्थक भूमिका निभाएगा।
बाद में, बिरला और नशीद ने दोनों संसदों के बीच सहयोग बढ़ाने के बारे में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। मालदीव की पीपुलस मजलिस के स्पीकर ने गोल्डन बुक पर भी हस्ताक्षर किए।