नई दिल्ली। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने शनिवार को योग गुरु रामदेव पर एलोपैथी पर उनकी टिप्पणी के लिए फटकार लगाई और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से महामारी रोग अधिनियम 1897 के तहत मुकदमा चलाने या उनके आरोपों को स्वीकार करने और आधुनिक चिकित्सा सुविधा को भंग करने की मांग की।
आईएमए ने रामदेव की आलोचना करते हुए कहा कि “बार-बार स्थिति का फायदा उठाना और जनता में उनकी अवैध दवाओं को बेचने के लिए डर पैदा करना ये बर्दाश्त के बाहर है”
आईएमए ने स्वास्थ मंत्री से मांग की कि, “जब इस तरह के मूर्तिपूजक व्यक्ति स्वास्थ्य मंत्रालय की संपूर्ण वास्तुकला के अधिकार और अखंडता पर सवाल उठा रहे हैं, तो स्वास्थ्य मंत्री, जो खुद आधुनिक चिकित्सा एलोपैथिक स्नातकोत्तर और इस मंत्रालय के प्रमुख हैं उन्हे इस सज्जन पर देश की संप्रभुता पर आगजनी के शब्दों के लिए उस पर मुकदमा चलाएं और लाखों लोगों को ऐसे अवैज्ञानिक बयानों से बचाने के लिए महामारी रोग अधिनियम के तहत उस पर मामला दर्ज करें, रामदेव ने कहा कि, “एलोपैथी एक बेवकूफ और दिवाली विज्ञान है।”
इसपर आईएमए ने यह भी कहा कि उन्होंने अपनी दवाएं जारी करते हुए स्वास्थ्य मंत्री की मौजूदगी में आधुनिक डॉक्टरों को “हत्यारा” कहा है।
बता दे कि आईएमए ने रामदेव पर अवैध और गैर-अनुमोदित दवाओं को बेचने के लिए आधुनिक चिकित्सा के खिलाफ झूठे दावे करने का आरोप लगाया। रामदेव ने DCGI की अखंडता को भी चुनौती दी, जिसके प्रमुख स्वयं स्वास्थ्य मंत्री हैं, क्योंकि उन्होंने दावा किया कि DCGI द्वारा रेमेडिसविर, फेविपिरावीर और अन्य सभी अनुमोदित दवाएं विफल रही हैं।
आईएमए के मुताबिक, ‘लाखो लोगो की मौत एलोपैथी की दवा खाने से हुई है’। आईएमए ने कहा, “हालांकि, यह एक सर्वविदित तथ्य है कि योग गुरु और उनके सहयोगी श्री बालकृष्ण बीमार होने पर आधुनिक चिकित्सा एलोपैथी उपचार ले रहे हैं।”