राजस्थान। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश इकाई के भीतर आंतरिक राजनीतिक खींचतान खत्म होने का नाम नहीं ले रही है. पार्टी में इस मुद्दे पर यह जंग और तेज हो गई है कि अगले विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद के लिए पार्टी का उम्मीदवार कौन होगा

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉक्टर सतीश पूनिया ने कहा कि पार्टी का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार संसदीय बोर्ड द्वारा चुना जाएगा. उन्होंने कहा कि “पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार का फैसला संसदीय बोर्ड को करना है.”

 

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रविवार को पूनिया की ओर से आया यह बयान राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पर कटाक्ष के रूप में देखा जा रहा है.

राजे की टिप्पणी के बाद पुनिया का बयान

प्रदेश भाजपा प्रमुख ने कहा, “मुझे उम्मीद नहीं थी कि इतने लोग मेरे जन्मदिन पर मुझे आशीर्वाद देंगे. जाहिर है, यह 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले आने वाली चीजों का संकेत है.”

वसुंधरा राजे ने इस सप्ताह की शुरुआत में मीडिया से बात करते हुए कहा था कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मुख्यमंत्री को कौन चाहता है, जिसे लोग चाहते हैं उसे पद मिलेगा.

विधानसभा चुनाव से बहुत पहले ही राज्य भाजपा में रस्साकशी चल रही है कि 2023 में होने वाले अगले विधानसभा चुनाव में पार्टी का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार कौन होगा.

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, राज्य भाजपा अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया, केंद्रीय मंत्री और जोधपुर से भाजपा सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत के नेतृत्व वाले कई धड़ों को इस पद के दावेदार के रूप में देखा जा रहा है.

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