खूँटी । जिले में भारत सरकार द्वारा संचालित स्वामित्व योजना से सम्बंधित उपायुक्त शशि रंजन जिले के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। मौके पर बताया गया कि भारत सरकार द्वारा प्रारम्भ किया गया SVAMITWA (Survey of Villages and Mapping with Improvised Technology in Villages Area) योजना के तहत पंचायती राज्य पंचायती राज विभाग, राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग एवं भारतीय सर्वेक्षण विभाग के सहयोग से ग्रामीण आबादी वाले क्षेत्रों के जमीन का सीमांकन नवीनतम ड्रोन सर्वे पद्धति से किया जाएगा तथा उनका RoR (Record of Right) तैयार किया जाना है। उक्त योजना का प्रारंभ खूंटी जिला के ग्रामों में पायलट प्रोजेक्ट के तहत किया जाएगा। बैठक में उपायुक्त द्वारा जिले के सभी आबादी वाले राजस्व ग्रामों में ड्रोन ऑपरेशन हेतु टाइम शेड्यूल तैयार करने के संबंध में विस्तृत चर्चा की गई। ड्रोन फ्लाइंग के टाइम शेड्यूल निर्धारण के पश्चात चरणबद्ध सभी राजस्व ग्रामों में ग्राम सभा का आयोजन कर आम ग्रामीणों को इस योजना की विशेषताओं से अवगत कराया जाना चाहिए। ग्राम सभा के माध्यम से योजना से जुड़े विभिन्न बिंदुओं पर उत्पन्न आम ग्रामीणों की शंकाओं का भी समाधान किया जाएगा। इसके लिए उपायुक्त द्वारा संबंधित अंचल अधिकारी व सीआई को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। उपायुक्त द्वारा निर्देशित किया गया है कि योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार ग्राम सभा के अतिरिक्त अन्य माध्यमों से भी किया जाना चाहिए, जिससे लोगों को योजना के बारे में समुचित जानकारी उपलब्ध कराई जा सके। स्वामित्व योजना के सफल कार्यान्वयन हेतु झारखंड स्पेस एप्लीकेशन सेंटर (JSAC) तकनीकी सलाहकार के रूप में कार्य करेगी। उपायुक्त द्वारा निर्देश दिया गया कि इसमें नोडल अधिकारी की भूमिका जिला सूचना एवं विज्ञान पदाधिकारी निभाएंगे। स्वामित्व योजना का क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित जिला अनुश्रवण एवं समीक्षा समिति द्वारा किया जाएगा। उक्त समिति में सदस्य के रूप में पुलिस अधीक्षक, अपर समाहर्ता, अनुमंडल पदाधिकारी, जिला सूचना एवं विज्ञान पदाधिकारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी, बंदोबस्त कार्यालय, रांची (प्रभारी खूंटी), जिला पंचायती राज पदाधिकारी, सभी अंचल के अंचलाधिकारी एवं उपायुक्त द्वारा नामित अन्य सदस्य होंगे। इसके अतिरिक्त प्रत्येक राजस्व ग्राम के लिए सर्वे दल का गठन किया गया है। इसमें राजस्व उपनिरीक्षक, पंचायत सचिव, संबंधित बंदोबस्त कार्यालय के अमीन, अंचल अमीन व  आवश्यकतानुसार उपायुक्त द्वारा नामित किए गए अन्य सदस्य शामिल है। सर्वे किए जाने वाले क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी उपायुक्त द्वारा अनुमंडल पदाधिकारी को दी गई है। योजना के तकनीकी पहलुओं पर आवश्यकता अनुसार सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा सभी अधिकारी कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस संबंध में उपायुक्त द्वारा जिला सूचना एवं विज्ञान पदाधिकारी को विस्तृत पीपीटी तैयार करने के निर्देश दिए गए। उन्होंने निर्देशित किया कि ग्राम स्तर पर भी लोगों को पी.पी.टी के माध्यम से पूर्ण जानकारी दी जाय। बैठक के दौरान लार्ज स्केल ड्रोन मैपिंग हेतु ड्रोन ऑपरेशन के दौरान विशिष्ट बिंदुओं पर ध्यान देने के निर्देश दिए गए।
मौके पर बिंदुवार जानकारी दी गयी।

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बताया गया कि सर्वप्रथम सर्वे दल द्वारा सर्वे हेतु आबादी वाले क्षेत्र की सीमांकन किया जाएगा। तत्पश्चात क्षेत्र में पड़ने वाली सरकारी संपत्ति यथा सरकारी भूमि, विद्यालय भवन, पंचायत भवन, अन्य सरकारी संरचना इत्यादि की गणना एवं चिन्हितिकरण किया जाएगा। सरजमीन पर ‘चुना मार्किंग’ सर्वे दल द्वारा SOI से प्रतिनियुक्त टीम के देख-रेख में किया जाएगा। ‘चुना मार्किंग’ के पश्चात SOI टीम द्वारा ड्रोन फ्लाइंग का कार्य किया जाएगा। लार्ज स्केल ड्रोन मैपिंग के उपरांत प्राप्त प्रथम चरण के नक्शों को आवश्यकतानुसार तकनीकी सुधारों के उपरांत संबंधित अंचल कार्यालय तथा बंदोबस्त कार्यालय रांची को उपलब्ध करा दिए जाएंगे। इस प्रकार प्राप्त प्रथम चरण के नक्शों को सर्वे दल द्वारा सरजमीन पर विस्तृत रूप से सत्यापित किया जाएगा। सत्यापन के दौरान लैंड पार्सल का भी जमीनी वस्तुस्थिति के साथ मिलान किया जाएगा। जमीनी हकीकत तथा प्रथम चरण के नक्शों में पाए गए अंतर को दर्ज कर SOI  टीम को अवगत कराया जाएगा। मिलान के पश्चात नक्शों में आवश्यकतानुसार चौहद्दी/प्लॉट में सुधार हेतु पुनः SOI को उपलब्ध कराया जाएगा। जमीनी सच्चाई के आधार पर सर्वे टीम एवं बंदोबस्त कार्यालय, रांची के पदाधिकारी द्वारा प्रथम चरण के लैंड पार्सल नक्शों पर किए गए आवश्यक सुधार के आलोक में भारतीय सर्वेक्षण विभाग (SOI) द्वारा सुधार किया जाएगा। फीचर एक्सट्रैक्शन तथा एट्रीब्यूट लिंकिंग आदि का कार्य SOI द्वारा किया जाएगा। प्रथम चरण के नक्शों में आवश्यकतानुसार सुधार के पश्चात SOI द्वारा बंदोबस्त कार्यालय रांची को उपलब्ध कराया जाएगा। बंदोबस्त कार्यालय, रांची इन नक्शों को पारंपरिक सर्वे पद्धति के साथ एकीकृत करते हुए अधिकार अभिलेख के निर्माण तथा प्रकाशन हेतु अग्रेतर कार्रवाई करेंगे। बंदोबस्त कार्यालय, रांची उक्त नक्शों से संबंधित अग्रेतर कार्रवाई टेक्निकल रूप ऑफ सर्वे 1956 एवं डिजिटल इंडिया लैंड रिकॉर्ड मॉर्डनाइजेशन प्रोग्राम के अनुरूप करेंगे।
लार्ज स्केल ड्रोन मैपिंग के पश्चात योजना के अतिमहत्वपूर्ण बिंदुओं भू-अभिलेखों का अद्यतीकरण तथा (ii) प्रॉपर्टी कार्ड के वितरण का क्रियान्वयन किया जाएगा। इन गतिविधियों के क्रियान्वयन हेतु विशिष्ट बिंदुओं पर चर्चा की गई। मौके पर बताया गया कि भू-अभिलेखों के अद्यतीकरण तथा प्रॉपर्टी कार्ड के वितरण हेतु संबंधित अंचल कार्यालय की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होगी। प्रथम/दूसरे चरण के बाद उपलब्ध नक्शों के आधार पर संबंधित अंचल अधिकारी मौजूद Tenants Ledger Register (Register- II) के साथ मिलान के पश्चात तुलनात्मक विवरण तैयार कर लेंगे। संभव है कि ग्रामीण क्षेत्रों में रैयतों द्वारा नामांतरण की कार्रवाई नहीं कराई गई हो। ऐसे सभी मामलों में अंचलाधिकारी उत्तराधिकारी/हस्तांतरण/बंटवारा के आधार पर नामांतरण सुनिश्चित करेंगे। नामांतरण की प्रक्रिया के लिए Bihar Tenants’ Holding (Maintainance of Records) Act, 1973 का प्रयोग किया जाएगा। अंचलाधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि लार्ज स्केल ड्रोन मैपिंग के बाद प्रथम चरण के नक्शों की प्राप्ति से 90 कार्य दिवस के अंदर सभी राजस्व ग्रामों Tenants Ledger Register वास्तविक जमीनी हकीकत के अनुसार अद्यतन हो जाएं। वैसे मामलों को जहां भूमि संबंधित विवाद है/ नामांतरण करने योग्य साक्ष्य उपलब्ध नहीं है, संबंधित अंचलाधिकारी अलग से सूचीबद्ध कर लेंगे। ऐसे मामलों में नामांतरण, विवाद के निपटारे के पश्चात किए जाएंगे। वैसे मामले जिनमें सफलतापूर्वक नामांतरण की कार्रवाई कर ली गयी है, अंचल अधिकारी सात कार्य दिवसों के भीतर The Bihar Tenants Holding (Maintainance of Record) Rules 1956 की नियम संख्या- 37 के अनुरूप अभिधारी खाता पुस्तिका का वितरण सुनिश्चित करेंगे।

इसके अतिरिक्त उपायुक्त द्वारा निर्देशित किया गया कि ग्रामीणों को योजना के सम्बंध में पूर्ण रूप से जानकारियां उपलब्ध कराई जाय। उन्होंने कहा कि लोगों को जागरूक करने के क्रम में बताया जाए कि ग्रामीणों को सर्वेक्षण के बाद सरकार द्वारा योजना का लाभ मिल सकेगा। Swamitva योजना के जरिये ग्रामीणों को जमीन का रिकॉर्ड उपलब्ध कराया जाएगा ताकि वे आसानी से बैंक ऋण प्राप्त कर सकें। उन्होंने सभी अंचलाधिकारियों को निर्देश दिए कि ग्राम सभा की बैठकों के साथ-साथ पेम्पलेट व पीपीटी के माध्यम से भी आमजनों को वृहद रूप से जागरूक किया जाय।

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