नई दिल्ली। प्रशांत किशोर कांग्रेस ज्वाइन करते-करते अंत में पलट गए। जाते जाते उन्होंने कह दिया कि कांग्रेस को मेरी नहीं, नेतृत्व की जरूरत है। पीके ने अपने ट्वीट में कहा कि कोई भी पार्टी बिना नेतृत्व कुनबे को कैसे संभालेगी। टूटी-दरकती दीवारों की मरम्मत कैसे करेगी।
प्रशांत किशोर और कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व के बीच कुछ दिनों से 10 जनपथ पर बैठकों का दौर चल रहा था। मैराथन बैठकों में प्रशांत किशोर ने सांगठनिक ढांचे में बदलाव और अन्य पहलुओं को लेकर भारी-भरकम प्रेजेंटेशन कांग्रेस नेतृत्व के सामने दिए। लेकिन मंगलवार को रणदीप सिंह सुरजेवाला ट्वीट के साथ ही सभी अटकलों पर विराम लग गया।
प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर लीडरशिप पर भी सवाल उठाए। प्रशांत किशोर ने ट्वीट कर कहा कि मैंने एम्पॉवर्ड एक्शन ग्रुप में शामिल होकर चुनावों की जिम्मेदारी लेने के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है। उन्होंने कहा है कि पार्टी को मुझसे ज्यादा सामूहिक इच्छाशक्ति और नेतृत्व से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए परिवर्तनकारी सुधारों की जरूरत है।