मंदिर निर्माण में शंकराचार्य और रामानंदाचार्य को भी करें शामिल
जबलपुर। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह एक बार फिर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस), प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। उन्होंने रविवार को जबलपुर में मीडिया से बातचीत में कहा कि आरएसएस में हमेशा से कोकणस्थ ब्राह्मणों का कब्जा रहा है, जो देश में डिक्टेटरशिप लाना चाहते हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा के ये दोनों बड़े नेता संविधान की मूल भावना को बांटने का काम कर रहे हैं। देश को एनआरसी और सीएए की जरूरत नहीं है, क्योंकि संविधान में पहले ही इस संबंध में व्याख्या की गई है कि ये कानून देश को बांटने वाले हैं।
दरअसल, दिग्विजय सिंह शनिवार को अमरकंटक में मां नर्मदा जयंती पर नर्मदा महोत्सव में शामिल होने के बाद रविवार को सुबह जबलपुर पहुंचे थे। यहां उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण जल्द ही होगा। अगर शंकराचार्य और रामानंदाचार्य को भी मंदिर निर्माण में शामिल किया जाए तो मंदिर निर्माण में उनकी एक अहम भूमिका होगी। उन्होंने यह भी कहा कि अगर दोनों आचार्य को राम मंदिर निर्माण में शामिल नहीं किया गया तो हो सकता है कि आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद के लोग इसमें राजनीति करें। इस दौरान उन्होंने अयोध्या में भगवान श्रीराम की ऊंची प्रतिमा बनाए जाने पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि भगवान राम की प्रतिमा बनाए जाने पर कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन इतनी ऊंची प्रतिमा अगर बनाई जाएगी तो उसका रखरखाव करना मुश्किल होगा।
दिग्विजय सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मुझ पर आरोप लगता है कि मैं मुस्लिम परस्त हूं, मैं न मुस्लिम परस्त हूं, न हिन्दू परस्त हूं, मैं इंसानियत परस्त हूं। अमित शाह क्रोनोलॉजी की बात करते हैं। उनकी यह है क्रोनोलॉजी, जिसमें पहले सीएए, फिर एनपीआर फिर एनआरसी आएगा। इसी तरह उनके एक मंत्री की क्रोनोलॉजी भी है। वे कहते हैं देश के गद्दारों को गोली मारो, फिर एक लड़का तमंचा लेकर आता है और गोली चलाता है। यहां देश में नफरत फैलाने का काम किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह संविधान की धारा को कमजोर करने का काम कर रहे हैं। ये दोनों बड़े नेता संविधान की मूल भावना को बांटने का काम कर रहे हैं।