बेंगलुरू। बेंगलुरू के एक व्यक्ति को नागमणि बताकर नकली पत्थर बेचकर 30 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

गिरफ्तार किए गए लोग यारमबाड़ी गांव के सन्नप्पागौड़ा और हनूर तालुक के कुडालुरु गांव के तंगवेलु हैं।

हालांकि, कोल्लेगल तालुक के सारागुर गांव का मुख्य आरोपी राजू फरार है।

पुलिस के मुताबिक, राजू ने अपने दोस्तों के साथ करीब एक महीने पहले बेंगलुरु के मनीष को एक चमकता हुआ पत्थर बेचा था, जिससे-उसे यकीन हो गया कि यह ‘नागमनी’ है।

मनीष ने महसूस किया कि कुछ दिनों के बाद उसके साथ धोखा हुआ है क्योंकि उससे उसका कोई फायदा नहीं हो रहा था, इसपर उसने 26 जुलाई को रामपुरा पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस ने जांच शुरू कर आरोपी को पकड़ने में सफलता हासिल की है। राजू की तलाश की जा रही है।

मनीष ने पुलिस को बताया था कि उसने यह पत्थर इसलिए खरीदा है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि नागमणि समृद्धि और सौभाग्य लाती है।

पुलिस के अनुसार गिरफ्तार सन्नप्पागौड़ा और आरोपी राजू आदतन अपराधी थे।

उन्होंने २००६-०७ में बेंगलुरू के एक गंगाधर को नागमणि के नाम से एक नकली पत्थर लाखों रुपए में बेचकर ठगा था। तब उन्हें जेल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन ऐसा लगता है कि उन्होंने उसी तरीके का इस्तेमाल किसी अन्य व्यक्ति को धोखा देने के लिए किया था।

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