– उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई

श्रीनगऱ। गुरुवार सुबह केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के पहले उपराज्यपाल के रूप में राधाकृष्ण माथुर के शपथ ग्रहण के बाद अब दोपहर में जम्मू-कश्मीर के पहले उपराज्यपाल के रूप में गिरीश चंद्र मुर्मू ने श्रीनगर स्थित राजभवन में शपथ ग्रहण की। पूर्व केंद्रीय व्यय सचिव गरीश चंद्र मुर्मू को जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल ने ही पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर व लद्दाख औपचारिक तौर पर केंद्र शासित प्रदेश के रूप में बन गए हैं।

जम्मू-कश्मीर के पहले उपराज्यपाल बनने वाले गिरीश चंद्र मुर्मू 1985 बैच के गुजरात कैडर के आईएएस अफसर हैं। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसेमंद अफसरों में माने जाते हैं। गुजरात में मोदी के मुख्यमंत्री रहने के दौरान वह उनके प्रमुख सचिव रह चुके हैं। एक मार्च 2019 से वह वित्त मंत्रालय में व्यय सचिव की जिम्मेदारी देख रहे थे। व्यय सचिव होने से पहले वह रेवेन्यू डिपार्टमेंट में स्पेशल सेक्रेटरी थे।

केन्द्र शासित प्रदेश होते ही गुरुवार से जम्मू-कश्मीर में कई बदलाव होंगे जिनमें आरपीसी की जगह आईपीसी लागू होने के साथ ही जम्मू-कश्मीर में 106 नए कानून लागू हो जाएंगे। जम्मू-कश्मीर में 153 विशेष कानून खत्म हो जाएंगे। उर्दू की जगह हिंदी, अंग्रेजी आधिकारिक भाषाएं होंगी। जम्मू-कश्मीर में दिल्ली की तरह विधानसभा गठित होगी। विधानसभा से पास किए बिल पर अंतिम फैसला उपराज्यपाल (एलजी) लेंगे। विधानसभा का कार्यकाल 6 वर्ष की बजाय 5 वर्ष का होगा। कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी और भारत की सुप्रीम कोर्ट के फैसले लागू होंगे।

इससे पहले राधा कृष्ण माथुर (आरके माथुर) ने गुरुवार को केंद्र शासित क्षेत्र लद्दाख के पहले उपराज्यपाल के तौर पर शपथ ली। जम्मू-कश्मीर के विभाजन के बाद लद्दाख अलग केंद्र शासित क्षेत्र बना है। जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल ने लेह में एक सादे समारोह में माथुर को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।

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