सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने भारत में कोविड-19 वैक्सीन कैंडिडेट का उत्पादन शुरू कर दिया है। सीरम इंस्टिट्यूट वैक्सीन उत्पादन के मामले में दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के कोरोना वैक्सीन प्रोजेक्ट में पार्टनर है और भारत में इस वैक्सीन का ट्रायल करवा रहा है। संख्या के लिहाज से दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट कोडागेनिक्स के CDX-005 को विकसित करेगी, जिसे इंजेक्शन के बजाय आंतरिक रूप से दिया जाएगा।

सीरम इंस्टीट्यूट कोरोना वायरस के लिए वैक्सीन पर काम कर रहा है – जिसमें एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से संभावित रूप से बड़े पैमाने पर उत्पादन शामिल है। इसके लिए टीके विश्व स्तर पर विकसित और परीक्षण के लिए भेजे जा रहे हैं। इसके अलावा मॉडर्न इंक, फाइजर इंक और एस्ट्राजेनेका पीएलसी के उम्मीदवार पहले से ही अंतिम चरण के परीक्षणों में हैं।

बता दें कि पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने पहले ही ऑक्सफोर्ड के प्रोजेक्ट में कौलैबरेशन कर रखा है। अगर ऑक्सफोर्ड की वैक्सीन की कामयाब हो जाती है तो भारत में इसकी उपलब्धता में कोई दिक्कत नहीं आने वाली है। इस कंपनी ने AstraZeneca नाम की उस कंपनी के साथ टाई-अप कर रखा है जो ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर वैक्सीन तैयार कर रही है।

बता दें कि इसी बीचकेंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा है कि हमारी एक वैक्सीन कैंडिडेट क्लिनिकल ट्रायल के तीसरे चरण में है। सरकार सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के अलावा कई फार्मा कंपनियों के संपर्क में है और ज्‍यादा से ज्‍यादा टीके हासिल करना चाहती है। अगर ICMR और भारत बायोटेक द्वारा विकसित की जा रही ‘कोवैक्सीन’ और जायडस कैडिला की ‘ZyCoV-D’ ट्रायल में सफल होती हैं, तो उनके ऑर्डर भी दिए जा सकते हैं।

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