नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने जवाहलाल नेहरु विश्वविद्यालय (जेएनयू) में छात्रावास सहित अन्य शुल्क वृद्धि के विरोध में गत ढाई माह से आंदोलनरत छात्रों को फौरी राहत देते हुए शुक्रवार को कहा कि छात्रावास में रहने वाले विद्यार्थियों को सेवा और उपयोगिता शुल्क का भुगतान नहीं करना होगा। यह सारा खर्च विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) वहन करेगा। इसके साथ ही सरकार ने छात्रों से आंदोलन खत्म कर कक्षाओं में लौटने की अपील की।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) के सचिव अमित खरे ने शुक्रवार को शास्त्री भवन में जेएनयू के कुलपति प्रो. एम. जगदीश कुमार और विश्वविद्यालय के रेक्टरों तथा रजिस्ट्रार के साथ बैठक की। बाद में उन्होंने जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आईशी घोष के नेतृत्व में विद्यार्थियों के एक शिष्टमंडल से भी बातचीत की।
विश्वविद्यालय अधिकारियों ने सचिव खरे को बताया कि मंत्रालय के 10 और 11 दिसंबर के चर्चा रिकॉर्ड के अनुसार लिए गए निर्णयों को लागू करने के लिए प्रशासन सभी कदम उठा रहा है।
प्रो. जगदीश कुमार ने यह भी बताया कि जेएनयू 9 जनवरी को एक सर्कुलर जारी कर स्पष्ट कर चुका है कि छात्रावास में रहने वाले छात्रों से सेवा और उपयोगिता शुल्क नहीं लिए जा रहे हैं। हालांकि, 10 और 11 दिसंबर 2019 को आयोजित चर्चाओं के रिकॉर्ड के अनुसार, छात्रों से संशोधित हॉस्टल रूम फीस देय है।
सचिव अमित खरे ने बताया कि बढ़ी हुई फीस के अलावा छात्रों से फिलहाल छात्रावास के अन्य शुल्क भी नहीं लिए जाएंगे। यूजीसी से सेवा और उपयोगिता शुल्क का खर्च उठाने का अनुरोध किया गया है। विद्यार्थियों को यह बात मंत्रालय के सचिव के साथ हुई बातचीत में भी बताई गई है। जैसा कि कुलपति ने सूचित किया है कि 3500 से अधिक छात्रों ने पहले ही जेएनयू के शीतकालीन सत्र के लिए पंजीकरण करा दिया है।
सचिव ने इस मामले पर चर्चा के लिए आज यूजीसी के अध्यक्ष डॉ. डी.पी. सिंह के साथ भी बातचीत की। मंत्रालय ने यूजीसी से छात्रावास शुल्क वहन करने का आग्रह किया, जिसे यूजीसी ने स्वीकार कर लिया।