नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में सोमवार को विपक्षी दलों के नेताओं ने सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर बैठक की। इस बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) असल में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) तैयार करने की ही प्रक्रिया है।

संसद भवन में आयोजित इस बैठक में सोनिया गांधी के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, वरिष्ठ नेता एके एंटनी और गुलाम नबी आजाद मौजूद रहे। इसमें वामदल, एनसीपी, राजद और अन्य दलों ने भाग लिया।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बैठक में विपक्षी नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने देश के लोगों को गुमराह किया है। शासन चलाने और लोगों को सुरक्षा मुहैया कराने में नाकाम रही मोदी सरकार की कमियां अब जगजाहिर हो गई हैं।

सोनिया ने कहा कि एनआरसी के चलते असम में भाजपा को नुकसान उठाना पड़ रहा है। अब मोदी सरकार राष्ट्रीय जनसांख्यिकी रजिस्टर पर ध्यान दे रही है जिसकी प्रक्रिया आगामी कुछ महीनों में शुरू होने वाली है। गृह मंत्री के दावे के बावजूद यह पूरी प्रक्रिया देशभर में एनआरसी लाने से जुड़ी है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में देश आर्थिक गतिविधियों में आई गिरावट से जुझ रहा है। इसपर प्रधानमंत्री और गृहमंत्री कोई जवाब नहीं दे पा रहे हैं। वह देश का ध्यान ध्रुवीकरण की राजनीति और अन्य मुद्दों से भटकाने की कोशिश कर रहे हैं।

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