बेंगलुरू/नई दिल्ली। कर्नाटक हाईकोर्ट ने शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर पाबंदी को चुनौती देने वाली याचिका खारिज करते हुए कहा कि हिजाब पहनना इस्लाम में अनिवार्य धार्मिक हिस्सा नहीं है। हिजाब विवाद पर फैसला सुनाते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि शिक्षण संस्थानों की ओर से यूनिफॉर्म तय करना गलत नहीं है और छात्र यूनिफॉर्म को मना नहीं कर सकते।

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दरअसल, उडुपी के एक शिक्षण संस्थान की छात्राओं ने कक्षाओं में हिजाब पहनने मांग की थी, जिसे लेकर पिछले दो माह से बड़ा विवाद उठ खड़ा हुआ था। यह मुद्दा कर्नाटक तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि इसे लेकर देश के दूसरे हिस्सों में भी सुगबुगाहट देखी गयी।

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शिक्षण संस्थानों की तरफ से जब यूनिफॉर्म को लेकर सख्ती की गयी तो छात्राओं की तरफ से कर्नाटक हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया। इन छात्राओं का कहना था कि उन्हें यूनिफॉर्म के साथ हिजाब पहनने की अनुमति दी जाए, क्योंकि यह उनकी धार्मिक प्रथा का हिस्सा है।

अब जबकि कर्नाटक हाईकोर्ट ने छात्रों की याचिका खारिज करते हुए फैसला सुनाया है कि हिजाब, इस्लाम का अनिवार्य धार्मिक हिस्सा नहीं है। अब कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जा सकती है।

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