नई दिल्ली। कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के मामले दुनिया में तेजी से बढ़ने शुरू हो गए हैं. इन बढ़ते मामलों के बीच ब्रिटेन से चिंता में डालने वाली खबर सामने आई है. एक स्टडी में दावा कर दिया गया है कि अगले साल जनवरी में ओमिक्रॉन वेरिएंट की वजह से यूके में बड़ी लहर आ सकती है. ऐसी लहर जिसमें हॉस्पिटलाइजेशन शायद कम रहे, लेकिन मामले काफी तेजी से बढ़ सकते हैं.

ओमिक्रॉन ने बढ़ाई यूके की चिंता

LSHTM मॉडल ने ब्रिटेन को लेकर कई तरह के प्रिडिक्शन किए हैं. इस प्रिडिक्शन के जरिए बहुत अच्छे से बहुत खराब तक वाले अंदाजे लगाए गए हैं. मॉडल बताता है कि अगर ब्रिटेन में जल्द कुछ पाबंदियां नहीं लगाई गईं, अगर सभी ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया, ऐसी परिस्थिति में ओमिक्रॉन पूरे देश में हावी हो जाएगा और कई लोग इससे संक्रमित हो जाएंगे. यहां तक कहा गया है कि आने वाले समय में ब्रिटेन में डेल्टा से ज्यादा ओमिक्रॉन के मामले सामने आ सकते हैं.

अभी इस समय इंग्लैंड में हर 2.4 दिनों में ओमिक्रॉन के मामले डबल हो रहे हैं. शुक्रवार को यूके में ओमिक्रॉन वेरिएंट के 448 नए मामले सामने आए हैं, इस वजह से देश में कुल आंकड़ा 1,265 तक पहुंच गया. चिंता वाला ट्रेंड ये भी है कि जिन जगहों पर मामले ज्यादा आ रहे हैं, वहां पर टीकाकरण की स्थिति अच्छी है और कई लोगों ने वैक्सीन ले रखी है.

बूस्टर डोज को बताया जा रहा जरूरी

इसी वजह से एक्सपर्ट कह रहे हैं कि ब्रिटेन में अगर ओमिक्रॉन से लोगों को बचाना है तो सोशल डिस्टेंसिगं और दूसरी सख्तियों का पालन होना जरूरी है. ऐसा ना होने पर डेल्टा के बाद ओमिक्रॉन भी एक लहर ला सकता है. इस सब के अलावा ब्रिटेन में बूस्टर डोज देने पर भी विचार चल रहा है. शुरुआती रिसर्च ने बताया है कि अगर बूस्टर डोज लगाई जा रही है तो 75 प्रतिशत तक ओमिक्रॉन का खतरा कम हो सकता है. लेकिन इसी पहलू में चिंता की बात ये है कि AstraZeneca की वैक्सीन इस वेरिएंट के खिलाफ ज्यादा असरदार नहीं दिखाई दे रही. अब इसी AstraZeneca की कोविशील्ड वैक्सीन भारत में भी लग रही है, इसलिए यहां भी ओमिक्रॉन का खतरा ज्यादा माना जा रहा है.

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