उदयपुर। उदयपुर का एक अनोखा घर पर्यावरण संरक्षण के लिए देश-दुनिया में एक नजीर बन चुका है। हम बात कर रहे हैं पर्यावरण प्रेमी इंजीनियर केपी सिंह के अनोखे ट्री-हाउस की, जो पिछले 20 साल से एक आम के पेड़ पर टिका हुआ है। सिंह का मकान चार मंजिला हैं। जिसे बनाने के बाद से केपी सिंह ने अब तक इसकी एक टहनी भी नहीं काटी।

इंजीनियर केपी सिंह ने अपना यह ट्री हाउस 2000 में बनाया गया था। तब से आज तक यह पेड़ और घर दोनों सही सलामत हैं। उदयपुर की खूबसूरती को निहारने आने वाले पर्यटक इस अनूठे घर की ओर भी आकर्षित होते हैं।

इंजीनियर केपी सिंह ने अपने सपनों के इस घर में पेड़ की टहनियों को काटने की बजाय उनका उसी रूप में इस्तेमाल किया है। जैसे किसी टहनी को सोफा का रूप दिया गया है, तो किसी को टीवी स्टैंड का।

इस घर को पेड़ की टहनियों के हिसाब से डिजाइन किया गया है। इसमें किचन, बाथरूम, बेडरूम, डाइनिंग हॉल समेत जमीन पर बने घर की तरह तमाम सुख सुविधाएं हैं।

केपी सिंह ने बताया कि 1999 में उन्होंने उदयपुर में घर बनाने के लिए जमीन ढूंढना शुरू की थी। इस दौरान सुखेर इलाके में कॉलोनाइजर ने उन्हें हरे भरे पेड़ों के बीच एक जमीन दिखाई। कॉलोनाइजर का कहना था कि यहां घर बनाने के लिए पेड़ काटने होंगे। जिस पर केपी सिंह ने कहा कि वह पेड़ काटकर नहीं बल्कि पेड़ पर ही घर बनाएंगे।

केपी सिंह बताते हैं कि पेड़ पर घर होने की वजह से कई बार पशु-पक्षी भी घर में आ जाते हैं। लेकिन अब उनके साथ रहने की भी आदत हो गई है। क्योंकि उन्होंने हमारी जगह नहीं, बल्कि हमने उनकी जगह पर अपना घर बनाया है।

यह घर जमीन से 9 फीट ऊपर से शुरू होता है, जो करीब 40 फीट की ऊंचाई तक जाता है। ट्री हाउस के अन्दर जाने वाली सीढ़ियां भी रिमोट से चलती हैं। इस घर को बनाने में कहीं भी सीमेंट का इस्तेमाल नहीं किया गया। इसे स्टील स्ट्रक्चर, सेल्यूलर और फाइबर शीट से बनाया गया है।

 

 

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