नई दिल्ली। पेंडोरा पेपर्स लीक एक ऐसा मामला आज लोगों के सामने आया है जिस में दुनिया भर की रसूखदार शख्सियतों के वित्तीय लेन-देन को लेकर बड़े खुलासे हुए हैं. यह पेंडोरा पेपर लीक का मामला वैश्विक स्‍तर पर 14 वित्तीय सेवाएं देने वाली कंपनियों के करीब 1.19 करोड़ लीक दस्तावेजों पर आधारित है. ‘इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स’ (ICIJ) ने अपनी 2 साल की खोजी पत्रकारिता एवं दस्तावेजों की जांच-पड़ताल के बाद दुनिया भर की दिग्गज हस्तियों के गुप्त कारोबार के बारे में कुछ सनसनीखेज खुलासे किए हैं.

इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (International Consortium of Investigative Journalists) मीडिया कंसोर्टियम द्वारा जांच की गई जिसमें रविवार को प्रकाशित जांच की रिपोर्ट के मुताबिक, एक दर्जन से अधिक देशों और सरकार के प्रमुखों ने टैक्स हैवंस में लाखों रुपये छिपाए, इसका अब खुलासा हुआ है. “पेंडोरा पेपर्स” की जांच में द वाशिंगटन पोस्ट, बीबीसी और द गार्जियन सहित मीडिया से जुड़े करीब 600 पत्रकार शामिल हैं.

इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स, ICIJ की ओर से तैयार किए गए दस्तावेज में 100 धनकुबेरों के अलावा, रूस, इंडिया, पाकिस्तान, यूके, मैक्सिको के सेलिब्रिटियों के नाम पर कंपनियां मिली हैं. पंडोरा पेपर्स ने, किंग ऑफ जॉर्डन, यूक्रेन, केन्या के राष्ट्रपतियों, चेक रिपब्लिक के प्रधानमंत्री और पूर्व ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर से संबंधित जानकारी को उजागर किया है.

ICIJ की रिपोर्ट के मुताबिक अगले एक दो दिन में पेंडोर पेपर्स लीक की विस्तृत जानकारी सामने आ सकती है. कुल मिलाकर, ICIJ को ऐसी करीब 1,000 कंपनियों और देश के नेताओं, कैबिनेट मंत्रियों, राजदूतों और अन्य सहित 336 उच्च-स्तरीय राजनेताओं और सार्वजनिक अधिकारियों के बीच संबंध मिले हैं. इनमें से दो-तिहाई से अधिक कंपनियां ब्रिटिश वर्जिन द्वीप समूह में स्थापित की गईं.

इस मामले में कई भारतीयों के नाम हैं शामिल

इस जांच रिपोर्ट में विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े  300 से ज्यादा भारतीयों के नाम भी शामिल हैं, जिनमें करीब 60 प्रमुख व्यक्तियों एवं उनकी कंपनियों की जांच और साक्ष्य से संबंधित हैं. इनमें कई भारतीय हस्तियां एवं एनआरआई हैं जिन्होंने 2016 के डाटा लीक के बाद विदेशों में स्थित अपनी संपत्तियों में बदलाव या उसे नए सिरे शुरू किया. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि आर्थिक अपराध के आरोपी एवं जांच का सामना करने वाले लोगों ने सामोआ, बेलिस अथवा क्रूक आइलैंड जैसे टैक्स हैवन ठिकानों पर अपनी कंपनियां बनाई हैं.

इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ‘गोपनीय दस्तावेजों में भारतीय क्रिकेट के मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर, पॉप म्यूजिक स्टार शकीरा, सुपरमॉडल क्लाउडिया शिफर और इटैलियन मोबस्टर जिन्हें ‘लेन द फैट वन’ के नाम से जाना जाता है, उनके नाम शामिल हैं.’

इसके मुताबिक, ‘सचिन तेंदुलकर के वकील ने कहा है कि उनका निवेश वैध और टैक्स अधिकारियों को घोषित कर दिया गया है. शकीरा के वकील का कहना है कि उनकी कंपनियों का टैक्स का कोई फायदा नहीं मिलता. वहीं, शिफर के वकील ने कहा कि वो यूके में टैक्स जमा करतीं हैं.’

आईसीआईजे के पेंडोरा पेपर्स की लिस्ट में जॉर्डन के राजा, यूक्रेन, केन्या और इक्वाडोर के राष्ट्रपति, चेक रिपब्लिक के प्रधानमंत्री और ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर का नाम भी है. ये दस्तावेज रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के भी ‘अनौपचारिक प्रचार मंत्री’ की गतिविधियों का भी खुलासा करते हैं. इसमें रूस, अमेरिका समेत दुनिया के कई देशों के 130 से ज्यादा अरबपतियों के नाम है.

आईसीआईजे के मुताबिक, उसे ये दस्तावेज उन 14 कंपनियों से मिले हैं जो शेल कंपनियां बनाती हैं और अपने क्लाइंट के वित्तीय लेनदेन को छिपाने की कोशिश करतीं हैं. आईसीआईजे के दस्तावेजों में दुनियाभर के 336 ताकतवर राजनेताओं से जुड़ी 956 कंपनियों के बारे में पता चला है.

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