नई दिल्ली। लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष दिवंगत पीए संगमा की जयंती के अवसर पर संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में पूर्व सांसदों एवं अन्य सम्मानित जनों के साथ ही पूर्व लोकसभा अध्यक्ष शिवराज पाटिल ने उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित की। संगमा की जयंती के अवसर पर रविवार को लोक सभा तथा राज्य सभा के अधिकारियों ने भी पूर्व लोकसभा अध्यक्ष को श्रद्धासुमन अर्पित किए । इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले विशिष्टजनों को लोक सभा सचिवालय द्वारा हिन्दी और अंग्रेजी में प्रकाशित पीए संगमा के जीवनवृत्त वाली पुस्तिका भेंट की गई । एक सितम्बर, 1947 को मेघालय के पश्चिम गारो हिल्स जिले के चपाहटी गांव में जन्मे संगमा बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे और राजनीति में आने से पहले वह प्राध्यापक, अधिवक्ता और पत्रकार के रूप में कार्य कर चुके थे। 23 मई, 1996 को सभी राजनैतिक दलों के सदस्यों ने उन्हें सर्वसम्मति से 11वीं लोक सभा का अध्यक्ष चुना था । अध्यक्ष के रूप में उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि वाद-विवाद के उत्तेजनापूर्ण क्षणों के दौरान भी सदस्य नियमों का पालन करें। उनका मानना था कि संसदीय लोकतंत्र का अर्थ है स्वतंत्र वाद-विवाद, निष्पक्ष विचार-विमर्श तथा स्वस्थ आलोचना और अध्यक्ष के रूप में उन्हें यह सुनिश्चित करना था कि ये उद्देश्य पूरे हों। लोक सभा में नौ बार निर्वाचित होने के अलावा संगमा ने गृह, वाणिज्य, उद्योग, श्रम, सूचना और प्रसारण और कोयला जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालयों के केन्द्रीय मंत्री का पदभार भी संभाला ।

संगमा का निधन 04 मार्च, 2016 को हुआ था।

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