नई दिल्ली। वाम समर्थक 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियंस की बुधवार को आहूत साल की पहली एकदिवसीय देशव्यापी हड़ताल ‘भारत बंद’ का मिला-जुला असर रहा। हड़ताल से आम जनजीवन आंशिक रूप से प्रभावित हुआ। हड़ताल में बैंकिंग, औद्योगिक, परिवहन और सेवा क्षेत्र के श्रमिक शामिल रहे। निजी टैक्सी सेवा ओला, ऊबर और ऑटो रिक्शा के संगठनों ने भी हड़ताल का समर्थन किया। बैंकिंग सेवाओं पर असर दिखा पर जरूरी सेवाएं सामान्य रहीं। पश्चिम बंगाल, केरल और असम में सड़क और रेल यातायात प्रभावित हुआ। दिल्ली, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में हड़ताल का कोई असर नहीं पड़ा। हड़ताल के आह्वान के बाद भी दिल्ली में मेट्रो और डीटीसी की सेवाएं सामान्य रहीं। हड़ताल का आह्वान करने वाले संगठनों में एटक, इंटक, सीटू, एआईसीसीटीयू, सेवा, एलपीएफ समेत अन्य शामिल रहे। कांग्रेस और शिवसेना ने बंद का समर्थन करते हुए केंद्र की नीतियों की आलोचना की।

‘हिन्दुस्थान समाचार’ के राज्य ब्यूरो से मिले डिस्पैच के मुताबिक हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, ओडिशा, तेलंगाना, केरल, पश्चिम बंगाल, असम, त्रिपुरा, कर्नाटक, तमिलनाडु, दिल्ली, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश आदि में धरना और प्रदर्शन हुआ। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बंद के दौरान हुई हिंसा पर कहा कि जिन लोगों का कोई राजनीतिक आधार नहीं है वह ऐसा कर रहे हैं। दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी। उत्तर बंगाल के कुछ इलाकों में तृणमूल कांग्रेस ने हड़ताल का विरोध करते हुए रैलियां निकालीं और लोगों से सामान्य स्थिति बनाए रखने का आग्रह किया। ट्रेड यूनियंस ने दावा किया था कि हड़ताल में करीब 25 करोड़ कामगार शामिल होंगे लेकिन देशभर में कहीं भी जरूरी सेवाओं प्रभावित होने की कोई सूचना नहीं है।

अधिकांश हिस्सों पर रेल आवागमन सामान्य रहा। बिजली उत्पादन, तेल रिफाइनरी और पेट्रोल पंप सामान्य रूप से चलते रहे। इस हड़ताल का वाम मोर्चा शासित केरल में लगभग हर जगह असर दिखा। सरकारी और निजी बसें शाम तक सड़कों पर नहीं दिखीं। असम में हड़ताल से आम जनजीवन प्रभावित रहा। सड़कों में वाहनों की संख्या कम रही और बाजार भी बंद रहे। गुजरात में बैंकिंग सेवाएं आंशिक रूप से प्रभावित हुईं। राज्य में परिवहन सेवा पूरी तरह सामान्य रही। अधिकांश व्यवसायिक प्रतिष्ठानों के दफ्तर खुले रहे। हड़ताल का त्रिपुरा में मिला-जुला असर रहा। रेल और वाहन सेवा सामान्य रहने के बावजूद कई जगहों पर बैंकों और वित्तीय संस्थानों के कार्यालय बंद रहे।

अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने कहा कि बैंक विलय, निजीकरण, शुल्क वृद्धि और वेतन से जुड़े अन्य मुद्दों पर बंद में हिस्सा लिया। आंध्र प्रदेश में कई जगह रैली निकाली गईं। सबसे ज्यादा असर विशाखापत्तनम में दिखा। यहां सार्वजनिक क्षेत्र के विभिन्न उपक्रमों में अधिकतर कर्मचारी नदारद रहे। अधिकतर बैंक भी बंद रहे। विजयवाड़ा में राजमार्ग पर धरना दे रहे कांग्रेस, भाकपा और माकपा नेताओं को हिरासत में लिया गया। नगालैंड में जनजीवन सामान्य रहा लेकिन पोस्टल सर्विसेज पर बंद का असर दिखा। गोवा में जनजीवन प्रभावित रहा। मजदूर संगठनों ने पणजी के आजाद मैदान में जनसभा की। पंजाब के अमृतसर में प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक को बंद किया।

असमः राज्य में हड़ताल का मिला-जुला असर पड़ा। बैंकों का कामकाज प्रभावित हुआ। बंद का सबसे अधिक असर करीमगंज जिले में देखा गया। बंद समर्थक एक महिला को नगांव पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

बिहारः बंद का राज्य में मिला-जुला असर रहा। दुकान और बाजार खुले रहे। बंद समर्थकों ने कई जगह सड़क यातायात रोक कर नारेबाजी की। पटना में बंद का असर सड़कों पर दिखा। राजेन्द्र नगर टर्मिनल पर रेल रोकने पहुंचे लोगों को पुलिस ने खदेड़कर भगा दिया।

छत्तीसगढ़ः छत्तीसगढ़ के किसानों और दलित-आदिवासियों से जुड़े 25 से ज्यादा संगठनों ने बंद का समर्थन किया। रायपुर में बंद का मिला-जुला असर दिखा। प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में हड़ताल का आंशिक असर दिखा।

हरियाणाः बंद का राज्य में मिला-जुला असर रहा। सरकारी बसें सामान्य दिनों की तरह चलीं। फरीदाबाद और अंबाला में बसों के परिचालन पर रोडवेज कर्मियों व पुलिस के बीच धक्का-मुक्की हुई। जिला मुख्यालयों पर कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। कुछ सरकारी कार्यालयों में भी कामकाज ठप रहा। भिवानी में बंद बेअसर रहा।

चंडीगढ़ः चंडीगढ़ के सेक्टर-17 और 43 बस स्टैंड पर बसें नजर नहीं आईं। इससे यात्री परेशान दिखे। सेक्टर-43 बस स्टैंड से हिमाचल प्रदेश, पंजाब और जम्मू-कश्मीर के लिए बसें चलती हैं।

मध्य प्रदेशः केंद्रीय सुरक्षा संस्थानों सहित बैंक, बीमा कंपनी, डाक, रेलवे एवं संचार कार्यालयों में बंद का असर दिखा। बिजली कर्मी भी हड़ताल पर रहे। इनकम टैक्स कार्यालय बंद रहे।

ओडिशाः राजधानी भुवनेश्वर समेत विभिन्न इलाकों में बंद का व्यापक असर दिखा। बंद समर्थकों ने राज्य में कई जगह ट्रेनें रोक दीं। भुवनेश्वर के बरमुंडा बस अड्डे में सन्नाटा पसरा रहा। जेईई मेन के परीक्षार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

पंजाबः बंद का राज्य में व्यापक असर दिखा। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के गृह जिला पटियाला में भारत बंद का सर्वाधिक असर दिखाई दिया। छात्रों ने पंजाबी विश्वविद्यालय के मेन गेट को बंद कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। लुधियाना बस अड्डे से सुबह से केवल पांच बसें ही बाहर निकाल सकीं। पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का गढ़ कहे जाने बठिंडा में भी हड़ताल का असर रहा। होशियारपुर-चंडीगढ़ मार्ग काफी देर तक जाम रहा।

पश्चिम बंगालः जबरदस्ती दुकानें बंद करने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में पुलिस ने माकपा विधायक दल के नेता सुजन चक्रवर्ती समेत 150 से अधिक वामपंथी नेताओं और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया। राज्य में बंद के दौरान हुई हिंसा की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कड़ी निंदा की है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

महाराष्ट्रः राज्य में बंद का असर आंशिक रहा। मुंबई में माहुल स्थित भारत पेट्रोलियम रिफायनरी के सामने कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। बंद का असर मुंबई के जनजीवन पर नहीं पड़ा है।

उत्तराखंड: बंद का उत्तराखंड में मिला जुला-असर रहा। बैंकों के कामकाज में इसका व्यापक असर पड़ा। रुद्रपुर में किसानों ने भारत बंद के आह्वान पर मलसी गांव में प्रदर्शन किया और गन्ने की ट्रॉली रोकी। हड़ताल का ऋषिकेश में असर दिखा।

राजस्थानः राज्य में बंद का मिला-जुला असर रहा। कई सरकारी प्रतिष्ठान बंद रहे। बैंकों में कामकाज ठप रहा। बंद का सड़क परिवहन पर आंशिक असर दिखा। उदयपुर, जोधपुर समेत अन्य जिलों में हड़ताल का आंशिक असर रहा। सीकर, चूरू, झूंझुनूं व गंगानगर में बसें नहीं चलीं। ज्यादातार बाजार खुले रहे। 2500 बैंक शाखाओं में कामकाज पर असर पड़ा।

हिमाचल प्रदेशः बंद का राजधानी शिमला में असर न के बराबर रहा। रही सही कसर दिनभर हुई बर्फवारी ने पूरी कर दी। प्रदेश के अधिकतर जिला मुख्‍यालयों पर सीटू ने प्रदर्शन किया। नाहन, मंडी, सरकाघाट, जोगिंद्रनगर और कुल्‍लू में में भारी बारिश के बावजूद कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया।

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