नई दिल्ली। दुनिया कोरोना वायरस से तो जूझ ही रही है पर अब बंदर से जुड़े एक वायरस के चलते चीन में एक डॉक्टर की मौत होने का मामला सामने आया है. 53 साल का ये सर्जन मंकी बी वायरस के चलते अपनी जान गंवा चुका है. चीन के हेल्थ अधिकारियों का कहना है कि ये वायरस उन लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है जो बंदरों के साथ काम करते हैं.

ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, चीन की राजधानी बीजिंग में ये पशु चिकित्सक नॉन ह्यूमन प्राइमेट्स पर रिसर्च कर रहा था और उसने मार्च के महीने में दो मरे हुए बंदरों पर रिसर्च किया था. इसके बाद उसे लगभग एक महीने बाद उल्टी के शुरुआती लक्षण दिखे थे. उन्होंने कई अस्पतालों में इलाज कराया लेकिन 27 मई को उनकी मौत हो गई.

इसके बाद इस शख्स के शरीर के कई सैंपल्स लिए गए थे और इन सैंपल्स को नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर वायरल डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेन्शन को भेजा गया था, जहां पर इस शख्स के मंकी बी वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई है. इस केस के बारे में कुछ दिनों पहले चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेन्शन ने ब्रीफ किया है

 

क्या है ये मंकी बी वायरस?

  • मंकी बी वायरस वयस्क मैकाक बंदरों से फैलता है. ये बंदर इस वायरस को चिंपाजी बंदरों में भी फैला सकते हैं जिसके चलते चिंपाजी की मौत भी हो सकती है.
  • संक्रमित मैकाक बंदरों के संपर्क में आने से यह वायरस इंसानों में भी आ सकता है. आमतौर पर मंकी बी वायरस को हर्पीस बी और हर्पीसवायरस बी भी कहा जाता है.
  • कोरोना वायरस की तरह ही मंकी बी वायरस के पहले लक्षण बुखार, मसल्स में दर्द, सिरदर्द हो सकते हैं.
  • समय के साथ-साथ मंकी बी वायरस से प्रभावित शख्स को छोटे-छोटे फोड़े फुंसियां हो सकती हैं. इसके अलावा सांस में तकलीफ, उल्टी, बैचेनी जैसे लक्षणों को भी मंकी बी वायरस से जोड़ा गया है
  • इस बीमारी के गंभीर होने पर वायरस दिमाग में सूजन पैदा करने लगता है जिसके चलते न्यूरोलॉजिकल समस्याएं आ सकती हैं और नर्वस सिस्टम बुरी तरह प्रभावित हो सकता है.
  • इसके चलते ब्रेन डैमेज भी हो सकता है और रोगी की मौत हो जाती है.
  • इंफेक्शन से जुड़ी बीमारियों की विशेषज्ञ जापानी डॉक्टर केंटोरा इवाटा ने वॉशिंगटनपोस्ट के साथ बातचीत में कहा कि इलाज ना होने पर इस वायरस से 70 से 80 प्रतिशत मरीजों की जान जा सकती है.

हालांकि, इस वायरस के इंसानों से इंसानों में फैलने का अब तक एक ही मामला सामने आया है.

डॉक्टर्स के मुताबिक, अगर आपको किसी बंदर ने काट लिया है तो घाव को धीरे-धीरे साबुन, डिटर्जेंट या आयोडीन के साथ 15 मिनट तक धोना चाहिए. इसके बाद घाव पर 15 मिनटों तक पानी चलाना चाहिए और इस मामले में तुरंत डॉक्टर्स से संपर्क करना चाहिए.

 

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