मुंबई। 42 किलोमीटर लम्बी 17वीं टाटा मुंबई मैराथन रविवार सुबह पांच बजे शुरू हुई। सीएम उद्धव ठाकरे ने मैराथन स्पर्धा का शुभारंभ किया। 55,322 धावकों ने हिस्सा लिया। हालांकि मुंबई मैराथन 2020 में शामिल हुए 64 वर्षीय एक शख्स की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। दो अन्य प्रतिभागियों को भी दिल का दौरा पड़ा। उन्हें फौरन अस्पताल ले जाया गया, जहां एक व्यक्ति का उपचार जारी है जबकि दूसरे को डिस्चार्ज कर दिया गया।

सभी तीन पुरुष विजेता इथोपियाई धावक हैं। पहले नंबर पर डेरारा हुरिसा, दूसरे स्थान पर ऐले अबशेरो और तीसरे स्थान पर बिरहानू ताशोम रहे। महिला वर्ग में एमेन बेरीसो प्रथम रहीं। दूसरे स्थान पर रोडा जेपकिर और आर हेवन हाइकु तीसरे नंबर पर रहीं। मैराथन में पुरुष दल की अगुवाई बुगाथा और महिला दल की अगुवाई सुधा सिंह कर रही थीं।

विजयी प्रतिभागियों में 4 लाख 20 हजार यूएस डॉलर के पुरस्कार वितरित किए जाएंगे। प्रथम स्थान के विजेता को 45 हजार डॉलर , द्वितीय विजेता को 25 हजार डॉलर और तीसरे स्थान पर आनेवाले धावक को 17 हजार डॉलर दिया जाएगा। भारतीय स्पर्धकों को 5 लाख , 4 लाख और 3 लाख रुपये का पुरस्कार मिलेगा।

रविवार को 64 वर्षीय गजानन मल्जालकर मुंबई मैराथन 2020 में दौड़ लगा रहे थे, तभी उन्हें दिल का दौरा पड़ा, जिससे उनकी मौत हो गई। वह सीनियर सिटीजन वाली कैटेगरी में दौड़ लगा रहे थे। करीब 4 किलोमीटर दौड़ लगाने के बाद ही उन्हें दिल का दौड़ा पड़ा। इसके बाद उन्हें बॉम्बे अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। मैराथन में शामिल होने वाले अन्य दो लोगों को भी दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। उनमें से एक 40 वर्षीय हिमांशु ठक्कर का इलाज चल रहा है, और दूसरे शख्स को डिस्चार्ज कर दिया गया है।

हाफ मैराथन सुबह 5.15 बजे शुरू हुई और 10 किलोमीटर के लिए दौड़ सुबह 6.30 बजे शुरू हुई। 10 किलोमीटर मैराथन की शुरुआत मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस स्टेशन से हुई और हजारों लोगों ने शहर से होते हुए बांद्रा-वर्ली सीलिंक, मरीन ड्राइव, महालक्ष्मी रेसकोर्स, हाजी अली और पेडर रोड की दौड़ लगाई। मैराथन में शहर के नामचीन डॉक्टर, पुलिसकर्मी, देश के कई राज्यों से आये अधिकारी, कर्मचारी और मुंबई के आला पुलिस अधिकारी शामिल हैं। इनके अलावा गीतकार गुलजार, बॉलीवुड अभिनेता टाइगर श्रॉफ, अभिनेता राहुल बोस धावकों का जोश बढ़ाने पहुंचे। इस मैराथन में डॉक्टर भी दौड़ते नजर आए। डॉक्टरों की यह दौड़ लोगों में अंगदान के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए थी।

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