नई दिल्ली। मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में सीबीआई की चौंकाने वाली रिपोर्ट आई है। सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि किसी लड़की की हत्या शेल्टर होम में नहीं हुई। जो कंकाल और हड्डियां मिली थीं, वो किन्हीं और बालिग लोगों की थीं।

अटॉर्नी जनरल ने कोर्ट को बताया कि सीबीआई जांच में साफ हुआ है कि किसी नाबालिग की शेल्टर होम में हत्या नहीं हुई है। सीबीआई को जांच में हत्या का कोई सबूत नहीं मिला। जिनकी हत्या होने का शक था, वो सभी 35 लड़कियां जीवित मिलीं। ग्यारह सितम्बर, 2018 को टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज ने लड़कियों के पुर्नवास की सम्भावनाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट सौंपी थी। पिछली 18 जुलाई को सुप्रीम ने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज को निर्देश दिया था कि वो शेल्टर होम की भुक्तभोगी सभी 44 लड़कियों के पुनर्वास की योजना तैयार करे। कोर्ट ने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज को निर्देश दिया था कि वो इसके बारे में रिपोर्ट दाखिल करें।

उसके पहले 3 जून को कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया था कि वो बच्चियों की हत्या, अप्राकृतिक यौनाचार, शेल्टर होम में आने वाले बाहरी लोगों की भूमिका जैसे पहलुओं की जांच पूरी करें। कोर्ट ने सीबीआई से कहा था कि भारतीय दंड संहिता के तहत रेप के आरोपों और यौन शोषण की वीडियो रिकॉर्डिंग की भी जांच करे।

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