नई दिल्ली। तिहाड़ जेल ने निर्भया गैंगरेप के एक दोषी विनय की राष्ट्रपति की ओर से दया याचिका खारिज करने के संबंध में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की है। तिहाड़ जेल ने कोर्ट को बताया कि इस मामले के एक दोषी अक्षय कुमार ने राष्ट्रपति के पास दया याचिका दायर की है। तिहाड़ जेल ने कोर्ट से दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी करने की मांग की। पटियाला हाउस कोर्ट इस अर्जी पर 3 फरवरी को सुनवाई करेगा।

पिछले 31 जनवरी को कोर्ट ने निर्भया के दोषियों की डेथ वारंट पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी। दोषियों ने डेथ वारंट पर रोक लगाने की मांग की थी। दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा था कि विनय की दया याचिका लंबित है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार दया याचिका खारिज होने के बाद 14 दिन दिए जाएंगे, इसलिए किसी को भी फांसी नहीं दी जा सकती, नयी तारीख तय की जाए।

वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा कि कानून में खामियों के चलते देरी हो रही है, मुझे काफी देर बाद केस में मौका मिला। मैंने कोशिश की कि देरी ना हो, इसलिए दोषी मुकेश की ओर से जल्द याचिकाएं लगाईं। वृंदा ने कहा कि दोषियों को अलग-अलग फांसी नहीं दी जा सकती। सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐसे ही मामले में नाराजगी जताई थी। वृंदा ने कहा कि जेल प्रशासन ने क्यूरेटिव पेटिशन का जिक्र मैन्यूअल में नहीं किया है, जबकि ये कानूनी उपाय सुप्रीम कोर्ट में उपलब्ध है। निर्भया के परिजनों की वकील ने कहा कि ये मामले को खींच रहे हैं, जब एक ही केस हैं तो ये दोषी अलग- अलग क्यों याचिकाएं दाखिल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नियम कहता है कि जेल प्रशासन इस संबंध में सरकार को संदेश भेजकर पूछेगा कि क्या फांसी रोकी जाए? अगर कोई जवाब नहीं मिलता तो फांसी को रोका जा सकता है। इसके लिए कोर्ट के आदेश की जरूरत नहीं है ।

सुप्रीम कोर्ट ने 30 जनवरी को निर्भया केस के दोषी अक्षय की क्यूरेटिव याचिका खारिज कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की बेंच ने माना है कि अर्ज़ी में कोई ऐसी बात नहीं कही गई, जिसके चलते फिर सुनवाई ज़रूरी हो। कोर्ट ने फांसी पर रोक लगाने से भी मना किया। मुकेश और विनय की क्यूरेटिव याचिका पहले ही खारिज हो चुकी है।

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