नई दिल्ली। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप के चारों दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी किया है। एडिशनल सेशंस जज धर्मेंद्र राणा ने चारों दोषियों को 20 मार्च को सुबह साढ़े पांच बजे फांसी देने का आदेश दिया है।

वकील एमएल शर्मा ने बहस की शुरुआत करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में दोपहर 3 बजे सुनवाई होगी। तब कोर्ट ने कहा कि जब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू होगी, तब तक यहां मामले की कार्रवाई खत्म होगी। कोर्ट ने एमएल शर्मा से पूछा कि वकालतनामा कहां है तो एमएल शर्मा ने कहा कि वकालतनामा दायर कर रहे हैं। जज ने दोषियों के वकील एपी सिंह को कहा कि आपको कुछ कहना है तो कहें, फिर हम आदेश जारी करेंगे। एपी सिंह ने कहा कि वो दोषियों से 7 फरवरी को मिलकर पवन से पूछना चाहते हैं कि वो राष्ट्रपति के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करना चाहते हैं या नहीं। इस पर कोर्ट ने एपी सिंह को दोषी से मिलने की इजाजत दे दी कि वे पवन और अक्षय से नियम के अनुसार मिल सकते हैं।

सुनवाई के दौरान तिहाड़ जेल के वकील ने कहा कि आज सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर हमने कोर्ट का नोटिस मेल के जरिये एमएल शर्मा को भेज दिया था। इस पर उन्होंने कहा कि मैंने सुबह नेट ऑन नहीं किया था।सरकारी वकील ने कहा कि दोषियों के सभी कानूनी विकल्प खत्म हो चुके हैं, ऐसे में फांसी के लिए नया डेथ वारंट जारी किया जाए। दोषी मुकेश के वकील रवि काजी ने कहा वो कुछ नहीं कहना चाहते हैं क्योंकि मुकेश के सारी कानूनी विकल्प खत्म हो चुके हैं।

कोर्ट ने सरकारी वकील से पूछा जो दूसरी दया याचिका राष्ट्रपति के समक्ष दायर की है उसकी स्थिति क्या है। सरकारी वकील ने कहा कि इसकी जानकारी नहीं है। तब एपी सिंह ने कहा कि हमारे पास रिसीविंग है। 25 फरवरी को जेल में कॉपी रिसीव कराई है। कोर्ट ने कहा कि जेल सुपरिटेंडेंट दोषी को बताए कि उसकी याचिका का क्या हुआ। जेल प्रशासन ने कहा कि हमें अक्षय की ओर से दोबारा दायर की गई दया याचिका नहीं मिली है। इस पर एपी सिंह ने विरोध किया और कहा कि मेरे पास हस्ताक्षर हैं।

दिल्ली सरकार ने अपनी याचिका में कहा था कि राष्ट्रपति ने दोषी पवन गुप्ता की दया याचिका खारिज कर दी है और अब किसी भी दोषी की कोई याचिका लंबित नहीं है। सभी दोषियों ने अपने सभी कानूनी विकल्पों को आजमा लिया है। इसलिए अब कोर्ट चारों दोषियों के खिलाफ नया डेथ वारंट जारी करे।

पटियाला कोर्ट ने 2 मार्च को दोषी पवन गुप्ता की राष्ट्रपति के यहां दया याचिका लंबित होने की वजह से निर्भया गैंगरेप के दोषियों की 3 मार्च को फांसी देने के आदेश पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने 2 मार्च को ही पवन गुप्ता की क्युरेटिव याचिका खारिज की थी जिसके तुरंत बाद 2 मार्च को ही पवन गुप्ता की ओर से राष्ट्रपति के यहां दया याचिका दायर की गई।

पटियाला हाउस कोर्ट के एडिशनल सेशंस जज धर्मेंद्र राणा ने पिछले 17 फरवरी को निर्भया के दोषियों के खिलाफ डेथ वारंट जारी करके 3 मार्च को सुबह 6 बजे फांसी देने का आदेश जारी किया था। एक अन्य दोषी पवन गुप्ता ने 28 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में क्युरेटिव याचिका दायर करके फांसी की सजा को उम्रकैद में तब्दील करने की मांग की थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया था।

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