नई दिल्ली. देश में कोरोना वायरस को लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कुछ जानकारी साझा की है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि नवंबर में कोविड-19 संक्रमण से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या औसत मामलों से अधिक थी. कोरोना वैक्सीन पर बोलते हुए स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा, ‘मैं यह साफ करना चाहता हूं कि सरकार ने कभी पूरे देश को वैक्सीन लगाने की बात नहीं कही है. यह जरूरी है कि ऐसे वैज्ञानिक चीजों के बारे में तथ्यों के आधार पर बात की जाए.’

उन्होंने कहा कि वैक्सीनेशन वैक्सीन कितना प्रभावकारी है, उस पर निर्भर करेगा. हमारा उद्देश्य कोरोना ट्रांसमिशन चैन को तोड़ना है. अगर हम खतरे वाले लोगों को टीका लगाकर कोरोना ट्रांसमिशन रोकने में सफल रहे तो हमें शायद पूरी आबादी को वैक्सीन लगाने की जरूरत नहीं पड़े.

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, ‘आज भी विश्व के बड़े देशों के मुकाबले भारत में प्रति दस लाख लोगों पर मामले सबसे कम हैं. अनेक ऐसे देश हैं जहां पर भारत से प्रति दस लाख लोगों पर आठ गुना तक ज़्यादा मामले हैं. हमारी मृत्यु प्रति मिलियन दुनिया में सबसे कम है.’ राजेश भूषण ने कहा, ‘नवंबर महीने में प्रतिदिन औसतन 43,152 कोविड -19 मामले दर्ज किए गए थे. वहीं, प्रतिदिन कोरोना से ठीक होने वाले कोरोना मरीजों की संख्या 47,159 थी.’

इनमें सबसे बड़ी बात यह कही गई कि पंजाब, राजस्थान और हरियाणा में एक बार दोबारा कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से अपील की है कि वे भीड़भाड़ वाले इलाकों में मास्क जरूर लगाएं. साथ ही दूरी का खयाल रखें और बार-बार हाथ धोएं. राजेश भूषण ने कहा, ‘क्लीनिकल ट्रायल मल्टी-सेंट्रिक और बहु-केंद्रित हैं. प्रत्येक साइट पर एक संस्थागत आचार समिति है, जो निर्माता या सरकार से स्वतंत्र है. किसी भी प्रतिकूल घटना के मामले में यह समिति भारत के ड्रग कंट्रोलर जनरल को अपनी रिपोर्ट देती है.

वहीं, इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में आईसीएमआर के डीजी डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि दवाई या वैक्सीन से बुरा प्रभाव पड़ता है. यह रेग्युलेटर की जिम्मेदारी है कि डाटा जुटा कर पता लगाए कि क्या इवेंट और इंटरवेंशन के बीच कोई लिंक है.

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